NEET UG: नीट पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि यदि परीक्षा की पवित्रता खत्म हो जाती है, तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा। यदि लीक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हुआ है, तो यह जंगल में आग की तरह फैल सकता है और बड़े पैमाने पर लीक हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया में “रेड फ्लैग” की जांच के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है।
CJI ने पूछा कि लीक के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए हैं? छात्र कहां हैं? 23 जून को 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है।क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों की तलाश कर रहे हैं. क्या हम छात्रों का पता लगा पा रहे हैं? परीक्षा रद्द करना अंतिम उपाय होना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत से छात्र शामिल हैं।
https://twitter.com/AHindinews/status/1810263601824825396
CJI ने कहा कि क्या इस मामले में किसी एक्सपर्ट को शामिल कर सकते है? इस मामले में सेल्फ डिनायल सही नहीं होगा. CJI ने पूछा कि हमें ये बात भी देखनी है कि भविष्य में इस तरह की बात न हो. उसको लेकर क्या किया जा सकता है. हम इस प्रतिष्ठित परीक्षा की बात कर रहे हैं. मिडिल क्लास परिवार के अभिभावक बच्चे मेडिकल में जाने के लिए लालायित रहते हैं. CJI ने कहा कि हम सरकार से ये जानना चाहते हैं कि सरकार ने इस मामले में क्या किया है? 100 फीसदी अंक 67 छात्रों को मिले हैं. हमें इस बात को समझना होगा कि मार्क देने का तरीका क्या है।
याचिकाकर्ता के वकील ने क्या कहा?
याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने दलील दी है कि प्रश्न पत्रों की आपूर्ति वाले बैंकों को लेकर भ्रम की स्थिति थी, क्योंकि सूचना थी कि प्रश्न पत्र भारतीय स्टेट बैंक से आएंगे। उसमें केनरा बैंक से आने की भी बात आ गई. वकील नरेंद्र हुड्डा ने आगे कहा कि प्रश्नपत्रों के दो सेट आने थे एक स्टेट बैंक से और दूसरे केनरा बैंक से। वहीं देरी हुई। पेपर परीक्षा से कुछ मिनट पहले आने थे. उन्होंने आगे कहा कि NEET 2024 पेपर लीक होने के कई मामले सामने आए हैं. पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. ये आश्चर्यजनक है कि 67 कैंडिडेट को 100% मार्क्स मिले थे.
इस दलील पर CJI ने कहा कि ‘क्या इस बात को माना जाए कि पेपर लीक हुआ है?’ NTA ने कहा कि पटना में कथित पेपर लीक का मामला आया है. लाभार्थियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, याचिकाकर्ता के वकील – बिहार पुलिस का कहना है कि NTA ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है. गलती सिस्टम स्तर पर है. यह बड़े पैमाने पर है. इसको लेकर एनटीए का कहना है कि अभी हम यह नहीं कह सकते कि गलती सिस्टम स्तर पर है या नहीं, और पूरे घोटाले का दायरा क्या है?
NTA ने कोर्ट में क्या है?
ऐसा लगता है कि यह सब बहुत छोटे स्तर पर हुआ है. वे दोनों बातें कह रहे हैं. उनका कहना है कि सीबीआई जांच कर रही है. पटना, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और झारखंड में 6 एफआईआर दर्ज हैं. प्रश्नपत्र मोबाइल फोन पर टेलीग्राम ऐप के जरिए सर्कुलेट कर लीक किया गया. हमारे पास इसके वीडियो हैं. 5 मई को एक स्कूल में रखे वाईफाई प्रिंटर से प्रिंटआउट निकाले गए. बिहार पुलिस 2-3 उम्मीदवारों की नहीं, बल्कि उम्मीदवारों के ग्रुप की बात कह रही है।
केंद्र सरकार ने री-एग्जाम पर क्या कहा?
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने री-एग्जाम को लेकर अपना पक्ष रखा है. शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके नीट एग्जाम रद्द की मांग का विरोध किया था। सरकार ने हलफनामे में कहा है कि कथित गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुई थी और व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए। अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत उदाहरणों से पूरी परीक्षा खराब नहीं हुई है। अगर परीक्षा प्रक्रिया रद्द कर दी जाती है तो यह लाखों छात्रों के शैक्षणिक करियर से जुड़े बड़े सार्वजनिक हित के लिए ज्यादा हानिकारक होगा। पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच कर रही है. ये बातें शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के डायरेक्टर वरुण भारद्वाज ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामें कही हैं।