कथनी और करनी में अंतर नहीं होना चाहिए. जब दुनिया भर में प्राकृतिक खाद (Natural Fertilizers) के इस्तेमाल की बात हो रही है, तब भी क्यों कुछ लोग पेस्टिसाइड्स डालना बंद नहीं कर रहे हैं? सस्ती मिलने वाली ये नकली खाद उनको बहुत महंगी पड़ने वाली है..
आवश्यकता ही नहीं बाज़ार से खाद खरीदने की ..जब कि आप घर में ही खाद बना सकते हैं. पिछले एक लेख में मैंने चावल के माड़ की खाद का तरीका बताया था. आज लीजिये ये चार तरीके जिनसे आप घर बैठे ही खाद बना सकते हैं. ख़ास बात इस प्र्रकृतिक खाद की ये है कि न केवल ये आपकी उपज की गुणवत्ता बेहतर करती है अपितु यह आपकी भूमि को भी और अधिक उर्वर बनाती है.
सब्जी के पानी से बनाइये घरेलू खाद
सब्जी दोनों तरह से काम की है. आप सब्जी बना के खाइये और उसी से खाद भी बनाइये. देखिये, जब भी आप सब्जी बनाने से पहले उसको धोते हैं, या उबालते हैं तो उसका जो बचा हुआ पानी होता है उसको फेंकिये नहीं. यह पानी बहुत काम का है क्योंकि ये नेचुरल खाद का बड़ा स्रोत होता है. आप रोज़ सब्जी के पानी को कहीं एक स्थान पर एकत्र करते जाइये. जब ये पानी अधिक मात्रा में इकट्ठा हो जाये तब उसको खेत में डाल दीजिये. ये पानी आपकी फसल के लिए याने कि आपके पौधों की सेहत के लिए बड़े काम का है. ये पानी मूल रूप से ऑर्गेनिक खाद ही है.
फिश वाटर टैंक से बनाइये घरेलू खाद
वैसे आमतौर पर लोग मछली नहीं पालते. किन्तु यदि आपने मछली पाल रखी है या वास्तु की दृष्टि से आप मछली पालने जा रहे हैं तो आप खाद बनाने के एक तरीके की व्यवस्था घर में ही कर रहे हैं. जो पानी का टैंक आपने मछली पालने के लिए बनाया है, या अगर कहीं किसी पोखर, तालाब में आप मछली पाल रहे हैं तो समझ लीजिये कि आपके पास नेचुरल खाद का एक बड़ा स्रोत है. जिस पानी में मछली पलती है, वो आपकी फसल के लिए नेचुरल खाद है. के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मछलियों मल और छोटे जलीय पौधों के अवशेष मिलकर इस पानी को बहुत अच्छा ऑर्गेनिक खाद बनाते हैं. इस पानी को खेत में डाल कर फसलों को खाद की भरपाई कर सकते हैं.
राख से बनाइये घरेलू खाद
घर में यदि फायर प्लेस है या कोई चूल्हा या सिगड़ी हइस्तेमाल की जाती है ,तो ज़ाहिर है कि उसमे से लकड़ी जलाने के बाद उसके राख को न फेंकें क्योंकि यह खाद के रूप में इस्तेमाल हो जाएगा. राख में पोटैशियम की काफी बहुतायत होती है और पोटेशियम मिट्टी का पीएच मान बढ़ाने में भी सहायक है. इस राख का खाद के रूप में जब इस्तेमाल करें तो ध्यान रखें कि ऐसे पौधों पर इसका छिड़काव न करें जो एसिडिक हों. और भी अधिक अच्छा तो ये होगा कि आप राख को कंपोस्ट के साथ मिलाकर खेत में इसका छिड़काव करें. इससे मिट्टी का पीएच एक साथ बहुत ज्यादा नहीं बढ़ेगा और पैदावार पर भी इसका असर पर बुरा नहीं पड़ेगा.
गोबर से बनाइये घर में खाद
गाँव में तो हर घर में मवेशी होते हैं किन्तु यदि आप कसबे में रहते हैं या शहर में भी बाहरी हिस्से में आपका निवास हो तो आप गाय भैंस पाल सकते हैं. इन कृषि-पशुओं का गोबर और मूत्र प्राकृतिक खाद के रूप में इस्तेमाल होता है. आपको बस ध्यान ये रखना है कि गोबर को सीधा खेत में नहीं डालना है. गोबर में यूरिया की मात्रा बहुतायत में होती है जिससे फसल को नुकसान पहुंचता है. ये छोटे पौधों की जड़ों को जला सकती है. गोबर को कहीं एक स्थान पर इकट्ठा करन प्रारम्भ कीजिये और कुछ दिन बाद इस सड़े हुए गोबर को खेत में डालिये. इससे अच्छी प्राकृतिक खाद हो नहीं सकती. ये भी ध्यान रखें कि इसमें कोई रासायनिक खाद या सिंथेटिक खाद का मिश्रण न करें क्योंकि इससे कंपोस्ट खाद खराब हो सकती है.