बिहार के नालंदा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर का उद्घाटन किया और वहां एक पौधा भी लगाया।
उद्घाटन के दौरान उनके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी नजर आए। पीएम मोदी गया एयरपोर्ट पर पहुंचे जहां केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी समेत कई मंत्रियों ने उनका स्वागत किया।
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नालंदा विश्वविद्यालय की आज की झलक देखकर उसके स्वर्णिम इतिहास की याद ताजा हो गई। नालंदा विश्वविद्यालय का नया परिसर 455 एकड़ एरिया पर किया गया है।
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नालंदा विश्वविद्यालय के नए परिसर की खासियत
- नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस में कुल 24 बड़ी इमारत हैं।
- 450 क्षमता का निवास हॉल।
- महिलाओं के लिए तथागत निवास हॉल की सुविधा।
- शॉपिंग कॉम्प्लेक्स व फूड कोर्ट के साथ 40 हेक्टेयर में जलाशय।
- अखाड़ा, ध्यान कक्ष, 300 क्षमता का ऑडिटोरियम, योग परिसर, स्पोर्ट्स स्टेडियम।
- एथलेटिक ट्रैक के साथ आउटडोर स्पोर्ट्स स्टेडियम, व्यायामशाला, अस्पताल, पारंपरिक आहर-पइन जल नेटवर्क, सोलर फार्म आदि सुविधाएं शामिल हैं।
- राजगीर की पंच पहाड़ियों में शुमार वैभारगिरि की तलहटी में किया गया नए परिसर का निर्माण।
1600 साल पुराना है विश्वविद्यालय का इतिहास
नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास 1600 साल पुराना है। नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 450 ई. में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त प्रथम ने की थी। कुछ सालों के बाद हर्षवर्धन और पाल शासकों ने इसका संरक्षण किया। इसमें 300 कमरे, 7 बड़े कक्ष और अध्ययन के लिए 9 मंजिला एक विशाल पुस्तकालय था, जहां 3 लाख से ज्यादा किताबें थीं।
उस समय यहां 1,500 अध्यापक, लगभग 10,000 छात्रों को पढ़ाते थे। तब यहां अधिकांश छात्र बौद्ध भिक्षु होते थे जो चीन, कोरिया और जापान से आते थे। इतिहास कारों के अनुसार प्रसिद्ध चीनी भिक्षु ह्वेनसांग ने भी यहीं से शिक्षा प्राप्त की थी। ह्वेनसांग ने अपनी पुस्तक में नालंदा विश्वविद्यालय का जिक्र किया है।