पीएम मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की। पीएम ने लगभग 9.26 करोड़ लाभार्थी किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि जारी की। अब तक, 11 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम-किसान योजना के अंतर्गत 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिल चुका है। तीसरी बार पीएम बनने के बाद पहली बार पीएम बनारस पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री ने जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि बनारस वालों ने तीसरी बार सांसद नहीं पीएम चुना है। सरकार बनते ही किसान और गरीबों के लिए फैसला लिया गया। तीन करोड़ घर गरीबों का बनाने का निर्णय लिया गया है।
#WATCH वाराणसी, उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की। pic.twitter.com/GnFifYkrw8
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2024
पीएम ने कहा कि यहां इतनी बड़ी संख्या में हमारी माताएं-बहनें उपस्थित हैं। माताओं-बहनों के बिना खेती की कल्पना भी असंभव है। इसलिए अब खेती को नई दिशा देने में भी माताओं-बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है। हमने आशा कार्यकर्ताओं के रूप में बहनों का काम देखा है। हमने बैंक सखियों के रूप में डिजिटल इंडिया बनाने में बहनों की भूमिका देखी है। अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई ताकत मिलती देखेंगे। आज 30 हजार से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र दिए गए हैं। अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है। आने वाले समय में पूरे देश में हजारों समूहों को इससे जोड़ा जाएगा। ये अभियान 3 करोड़ लखपति दीदीयां बनाने में भी मदद करेगा।”
पीएम मोदी कल बिहार के दौरे पर रहेंगे
पीएम मोदी कल बिहार के दौरे पर रहेंगे जहां वे बिहार के राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय के नवीन परिसर का उद्घाटन करेंगे।विश्वविद्यालय की परिकल्पना भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) देशों के बीच एक संयुक्त सहयोग के रूप में की गई है। इस उद्घाटन समारोह में 17 देशों के मिशन प्रमुखों सहित कई प्रतिष्ठित गण शामिल होंगे।
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परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं, जिनकी कुल बैठने की क्षमता लगभग 1900 है। इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार हैं। इसमें लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्र छात्रावास है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, 2000 व्यक्तियों तक की क्षमता वाला एम्फीथिएटर, फैकल्टी क्लब और खेल परिसर सहित कई अन्य सुविधाएं भी हैं।
यह परिसर एक ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस है। यह सौर संयंत्र, घरेलू और पेयजल शोधन संयंत्र, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग के लिए जल पुनर्चक्रण संयंत्र, 100 एकड़ जल निकाय और कई अन्य पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर रूप से कार्य करता है।