पिछले दस साल से लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली है। संविधान के अनुसार विपक्ष के नेता का पद उस पार्टी को दिया जाता है. जिस पार्टी को लोकसभा की कुल सीटों का 10 फीसदी सीट प्राप्त हो। पिछले दो लोकसभा में कांग्रेस सबसे अधिक सीट विपक्षी दलों में लाने के बाद भी यह पद हासिल नहीं कर पाया। इस बार कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद इस बार मिलना तय है।
पिछले दिनों कांग्रेस की कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग की गई। सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि राहुल गांधी यह पद स्वीकार कर सकते है। राहुल का नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब राहुल किसी संवैधानिक पद पर होंगे। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद ग्रहण करने के बाद राहुल गांधी के पास कई शक्तियां आ जाएगी। वे कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य बन जाएंगे।
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष की क्या है शक्तियां?
भारतीय लोकतंत्र और संसदीय प्रणाली में संतुलन बनाए रखने के लिए विपक्ष के नेता का रोल महत्वपूर्ण होता है।
1. संसदीय कार्यों में भूमिका:
संसद में विपक्ष का नेता सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की आलोचना करने और सवाल उठाने के लिए स्वतंत्र होता है। संसद में सवाल दूसरे सांसदभी पूछते हैं लेकिन उन्हें नियम के दायरे रहकर पूछना होता है। वहीं विपक्ष के नेता के पास यह स्वतंत्रता होती है कि वह मंत्रियों , प्रधानमंत्रियों से जब चाहे सवाल पूछ सकता है।
2. संसदीय समितियों में रोल
नेता प्रतिपक्ष को विभिन्न संसदीय समितियों, जैसे लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee) और चयन समिति (Select Committees) में सदस्यता दी जाती है। वह लोक लेखा समिति के प्रमुख होंगे। वह सरकार के आर्थिक फैसलों की समीक्षा और सरकरी खर्चों पर टिप्पणी कर सकेंगे।
3. संवैधानिक पदों की नियुक्ति में भूमिका
संवैधानिक पदों पर होने वाली नियुक्तियों में नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC), सूचना आयुक्त, और लोकपाल की नियुक्ति, चुनाव आयुक्त, प्रवर्तन निदेशालय (ED), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के प्रमुख की नियुक्ति में नेता प्रतिपक्ष की अहम भूमिका होती है। इन प्रमुखों का पीएम, एक मंत्री और नेता प्रतिपक्ष की समिति चयन करता है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की सैलरी और सुविधाएं
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद कैबिनेट मंत्री के समान होता है। नेता प्रतिपक्ष को केंद्रीय मंत्री के समकक्ष वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं मिलती है। नेता प्रतिपक्ष की मासिक सैलरी 3,30,000 रुपये होती है। सचिवालय में दफ्तर, उच्च स्तरीय सुरक्षा वेवस्था मिलता है। इसके साथ ही मुफ्त हवाई यात्रा, रेल यात्रा मिलती है।