पीएम मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन और एक्सपो (री-इनवेस्ट) का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और नॉर्वे इस आयोजन में भागीदार देशों के रूप में भाग ले रहे हैं। गुजरात मेजबान राज्य है और आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश भागीदार राज्यों के रूप में भाग ले रहे हैं। इस कॉन्फ्रेंस में हम एक दूसरे से जो सीखेंगे वो मानवता की भलाई में काम आएगा। देश के गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित को भरोसा है कि हमारा तीसरा कार्यकाल उनके गरिमापूर्ण जीवन जीने की गारंटी बनेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीते 100 दिनों में भारत में 12 नए इंडस्ट्रियल सिटी बनाने का निर्णय लिया गया है। बीते 100 दिनों में 15 से ज्यादा नई मेड इन इंडिया सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन लॉन्च की गई हैं। भारत आने वाले समय में 31,000 मेगावाट हाइड्रो पावर का उत्पादन करने के लिए काम कर रहा है जिसके लिए 12,000 करोड़ रुपए से अधिक आवंटित किए गए हैं।
देश के गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित को भरोसा है कि हमारा 3rd term उसके गरिमापूर्ण जीवन जीने की गारंटी बनेगा।
140 करोड़ भारतीय भारत को तेजी से top 3 economies में पहुंचाने का संकल्प लेकर काम कर रहे हैं।
– पीएम @narendramodi https://t.co/qAmeeYTzKr
— BJP (@BJP4India) September 16, 2024
ग्रीन फ्यूचर, नेट ज़ीरो भारत की जरूरत
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए ग्रीन फ्यूचर, नेट ज़ीरो कोई फैंसी शब्द नहीं बल्कि भारत की जरूरत है। ये भारत की प्रतिबद्धता है। हम मानवता के उज्ज्वल भविष्य की चिंता करने वाले लोग है। आज का भारत आने वाले 1000 साल का आधार तैयार कर रहा है। आज भारतीयों को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को लगता है कि भारत 21वीं सदी की बेस्ट बेट है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में ही ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का आयोजन हुआ, इसके बाद पहला सौर अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव में दुनियाभर से लोग शामिल हुए। फिर ग्लोबल सेमीकंडक्टर समिट में दुनिया के कोने-कोने से लोग आए और अब आज हम यहां ग्रीन एनर्जी के भविष्य पर चर्चा के लिए जुटे हैं।
पीएम ने कहा कि आजकल भारत में लोग अपनी मां के नाम पर पेड़ लगा रहे हैं – ‘एक पेड़ मां के नाम’। मैं आप सभी से भी इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करूंगा। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की मांग तेज हो रही है। सरकार भी इस मांग को पूरा करने के लिए नई नीति बना रही है, हर तरह से मदद दे रही है।