केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र (NER) में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत 50 मछली पालन विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस मौके पर मंत्री जॉर्ज कुरियन, राज्य मंत्री, मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय और अन्य महत्वपूर्ण राज्य अधिकारियों की उपस्थिति रही।
इन परियोजनाओं के लिए कुल ₹50 करोड़ का निवेश किया गया है, जिसमें केंद्र सरकार की ओर से ₹38.63 करोड़ का योगदान किया गया है। ये परियोजनाएं न केवल मछली पालन के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगी, बल्कि इस क्षेत्र में उत्पादकता और रोजगार अवसरों को भी बढ़ावा देंगी।
प्रमुख परियोजनाओं का विवरण
कुल 50 परियोजनाओं में, विभिन्न नॉर्थ ईस्ट राज्य शामिल हैं, और उनके लिए राज्यवार आवंटन इस प्रकार है:
राज्य | परियोजनाओं की संख्या | कुल लागत (₹ लाख) | केंद्रीय अंश (₹ लाख) | राज्य अंश (₹ लाख) | लाभार्थी अंश (₹ लाख) |
---|---|---|---|---|---|
असम | 12 | 4194.10 | 3320.75 | 368.85 | 504.00 |
मणिपुर | 7 | 426 | 337.90 | 36.30 | 51.80 |
मेघालय | 1 | 50 | 27 | 3 | 20 |
नगालैंड | 3 | 75 | 40.50 | 4.50 | 30 |
त्रिपुरा | 3 | 58 | 26.92 | 2.88 | 28.20 |
सिक्किम | 24 | 204 | 110.20 | 12.20 | 81.60 |
कुल मिलाकर, इन 50 परियोजनाओं के जरिए नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में मछली पालन के क्षेत्र में बड़े बदलाव आने की उम्मीद है। असम में दारंग जिले में एकीकृत एक्वा पार्क का निर्माण किया जाएगा, जो सालाना 150 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन करेगा और 2,000 रोजगार के अवसर सृजित करेगा। इसके अलावा, कमरूप जिले में एक बड़ा फिश फीड प्लांट स्थापित होगा, जो सालाना 20,000 मीट्रिक टन मछली आहार का उत्पादन करेगा।
मणिपुर में, थौबल और इम्फाल जिलों में बर्फ संयंत्र और कोल्ड स्टोरेज इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, जो मछली उत्पादों के संरक्षण में मदद करेंगी और पोस्ट-हार्वेस्ट नुकसान को कम करेंगी। मेघालय में, ईस्ट खासी हिल्स जिले में एक्वा टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिससे पर्यटन और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
नगालैंड में, तीन नई ताजे पानी वाली मछली हैचरी परियोजनाओं का निर्माण होगा, जो स्थानीय आदिवासी समुदायों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। त्रिपुरा में, सजावटी मछली पालन और मछली हैचरी की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जबकि सिक्किम में पुनरावृत्तिपूर्ण एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में मछली पालन का बढ़ता महत्व
नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र, भारत के लिए मछली पालन और जलीय जैव विविधता के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में ताजे पानी के स्रोत और अद्वितीय जलजीव विविधता है, जो इसे मछली पालन के लिए एक उपयुक्त स्थान बनाता है।
सरकार ने नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में मछली पालन के विकास के लिए ₹2,114 करोड़ का निवेश किया है। इसमें ब्लू रिवोल्यूशन योजना, मत्स्य पालन और जलकृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDF) और पीएम मत्स्य संपदा योजना जैसी प्रमुख योजनाओं के तहत कई पहलें शामिल हैं।
इन पहलों के तहत नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में मछली उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2014-15 में 4.03 लाख टन मछली उत्पादन बढ़कर 2023-24 में 6.41 लाख टन तक पहुंच गया है, जो 5% की वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है।
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पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत इन विकासात्मक परियोजनाओं के माध्यम से नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र में मछली पालन के क्षेत्र में एक नई क्रांति का आगाज होगा। यह योजना न केवल क्षेत्रीय आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगी, बल्कि रोजगार सृजन और स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगी।