सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने बहुत बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने ने कहा है की जनता को यह जानने का हक है की सरकार के पास पैसा कहां से आता है और कहां जाता है। मतदाता को भी यह जानने का हक है कि राजनीतिक पार्टियों को फंड कहां से आता है।
कंपनी अधिनियम की धारा 182(3) में संशोधन करने का एकमात्र उद्देश्य यह मानने के बाद निरर्थक हो जाता है कि चुनावी बांड योजना, आईटी अधिनियम गैर-प्रकटीकरण को स्वीकार्य बनाता है और आरपी संशोधन को असंवैधानिक मानता है।