नीट यूजी (Neet UG Paper Leak) पेपर लीक मामले में नया अपडेट सामने आया है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अपना फाइनल फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमने सभी दलीलें सुनीं और इस नतीजे पर पहुंचे कि यह एक सिस्टमैटिक फेलियर नहीं है। ये मामला पटना और हजारीबाग तक ही सीमित है।
अदालत ने आगे कहा कि, एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना और स्टोरेज के लिए SOP तैयार करने की जिम्मेदारी सरकार और एनटीए की है।
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कोर्ट ने ये भी कहा कि, पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है। एनटीए को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए। ऐसी लापरवाही भविष्य में नहीं होनी चाहिए। हम NEET की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिए ये आदेश
- कोर्ट ने एनटीए को परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदलने के लिए कहा।
- प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच सुनिश्चित करे एजेंसी।
- प्रश्न पत्रों के संचालन, इआदि के लिए एक एसओपी (SOP) बनाई जाए।
- पेपर का ट्रांसपोर्ट किसी रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों से करना चाहिए ना कि खुले वाहनों से।
- इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट्स की रिकॉर्डिंग, साइबर सुरक्षा की व्यवस्था उचित होनी चाहिए।