आज सोशल मीडिया से लेकर खबरों तक, हर जगह यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) की चर्चा हो रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य विधानसभा में आज यूसीसी बिल पेश किया। सुबह मुख्यमंत्री धामी संविधान की मूल कॉपी हाथ में लेकर सदन में पहुंचे और दूसरी तरफ विपक्ष हंगामे पर उतर आया..बहरहाल आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगर ये बिल, कानून बन गया तो कौन से नियम बदल जाएंगे.. ?
आखिर ये यूसीसी है क्या ?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC)का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम होगा।
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि पूरे देश के लिए एक समान कानून लागू होना।
अब बात करते हैं नियमों की..
- यूसीसी लागू होने के बाद बहुविवाह पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।
- लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल तय हो सकती है।
- लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वाले के लिए पुलिस रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा
- इसके अलावा लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने वालों को अपने माता पिता को भी जानकारी देनी होगी।
- विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा, नहीं होने पर किसी भी सरकारी सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है।
- मुस्लिम महिलाओं को गोद लेने का अधिकार होगा।
- पति-पत्नी के बीच अगर विवाद होता है तो बच्चों का संरक्षण दादा-दादी को मिल सकता है।
तलाक के लिए हैं ये प्रावधान
यूसीसी बिल में तलाक को लेकर कई बड़े प्रावधान रखे गए हैं। जैसे- शादी के तुरंत बाद तलाक नहीं मिलेगा। शादी के एक साल होने
के बाद ही तलाक के लिए अर्जी दे सकेंगे। हिंदू और मुस्लिम सभी वर्ग को कानूनी तौर पर तलाक के लिए एक समान तरीके से प्रक्रिया से गुजरना होगा। पहले से शादीशुदा व्यक्ति को बिना तलाक लिए दूसरी शादी की इजाजत नहीं होगी।