इंटरैक्टिव फोरम ऑन इंडियन इकोनॉमी (IFIE) द्वारा मुंबई में “मोदी का दृष्टिकोण: भारत 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर” विषय पर एक कॉन्क्लेव आयोजित किया गया। जिसमें “ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री” किस तरह इसमें योगदान दे सकती है, इस पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके साथ ही ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए स्व-नियामक निकाय (Self Regulatory Body) का निर्माण एवं उसकी रूपरेखा क्या हो, इस पर सभी वक्ताओं ने अपने सुझाव दिए।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने इस पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा- देश ही नहीं विदेशों में भी ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज है। भारत में गेमिंग, टेक्नोलॉजी के नाम पर एक रत्न है। ये सिर्फ कार्ड खेलना या फोटो देखना नहीं है बल्कि ये इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी का बेहतरीन उदाहरण है।
इस तरह के गेम में कंट्रोल किया जा सकता है, जिससे कि ये ‘गेम ऑफ चांस’ ना बने, जिसमें लोग बड़ी आसानी से अपना पैसा खो देते हैं। इस तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए एक स्व-नियामक निकाय (Self Regulatory Body) और नियम का होना जरूरी है।
इकोनॉमिक तरीके से भारत आगे बढ़ रहा है। सभी को इसमें सहयोग भी करना चाहिए। ये हम सभी का कर्तव्य बनता है कि हम ऐसा कोई काम ना करें जो देश के खिलाफ हो।