Cotton Farming: पिछले कई सालों से कपास की खेती ने किसानों को निराश किया है। बेमौसम बरसात और कीटों के प्रकोप ने कपास की खेती को भारी नुकसान पहुंचाया जिससे किसानों का कपास की खेती की तरफ रुख कम हो गया।
इसका असर ये हुआ कि इस साल 10 फीसदी कम क्षेत्रफल में कपास की खेती की गई है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक नई परियोजना की शुरुआत की गई है, जिसका नाम है उच्च घनत्व वाली रोपाई (High Density Planting System) परियाजना। ये परियोजना 8 राज्यों के 61 जिलों में लागू की गई है।
इस परियोजना की खास बात ये है कि इसे कम उपजाऊ वाली मिट्टी वाले क्षेत्रों में चलाई जा रही है। इसका अच्छा खासा फायदा भी देखने के मिला है जिसमें किसानों को अधिक लाभ हुआ है।
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क्या है उच्च घनत्व वाली रोपाई?
कपास की उच्च घनत्व वाली रोपाई (High-Density Planting System – HDPS) कृषि में एक आधुनिक तकनीक है, जिसका उद्देश्य कपास उत्पादन को बढ़ाना और सीमित संसाधनों का बेहतर उपयोग करना है। इस प्रणाली में कपास के पौधों को सामान्य दूरी से अधिक घनत्व पर लगाया जाता है, जिससे उत्पादन में वृद्धि होती है।
ये हैं खास विशेषताएं
उच्च घनत्व
पौधों की संख्या प्रति हेक्टेयर अधिक होती है (लगभग 1,11,000 से 1,50,000 पौधे)। पौधों की पंक्तियों के बीच 45 से 60 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 10 से 15 सेंटीमीटर की दूरी रखी जाती है।
कम समय के किस्मों का उपयोग
इस तकनीक में जल्दी पकने वाली और कम फैलाव वाली किस्मों (Compact and Early-Maturing Varieties) का उपयोग किया जाता है। पौधों की ऊंचाई और फैलाव नियंत्रित होता है।
यांत्रिक खेती
पौधों के बीच की दूरी कम होने के कारण खरपतवार नियंत्रण और फसल प्रबंधन के लिए यांत्रिक तरीकों का उपयोग होता है।
उन्नत बीज और प्रबंधन
उन्नत बीज, ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग तकनीकों का उपयोग किया जाता है। उर्वरकों और कीटनाशकों का संतुलित और समय पर उपयोग सुनिश्चित किया जाता है।
लाभ
- प्रति इकाई क्षेत्र में पौधों की संख्या अधिक होने से फसल उत्पादन बढ़ता है।
- ड्रिप सिंचाई और सटीक पोषक प्रबंधन से संसाधनों का कुशल उपयोग होता है।
- कम फैलाव और जल्दी पकने वाली किस्में कीटों और रोगों से कम प्रभावित होती हैं।
- यह तकनीक सूखा और अनियमित वर्षा जैसी स्थितियों में भी अच्छा उत्पादन देती है।
ये हैं चुनौतियां
- उच्च घनत्व के कारण बीज की लागत बढ़ सकती है।
- खरपतवार नियंत्रण और सिंचाई प्रबंधन में अधिक ध्यान देना पड़ता है।
- किसानों को इस तकनीक के लिए प्रशिक्षित करना आवश्यक है।
- कपास की उच्च घनत्व वाली रोपाई को सूखा-प्रवण क्षेत्रों, जल सीमित क्षेत्रों और उन स्थानों पर उपयोग किया जाता है, जहां फसल का व्यावसायिक उत्पादन प्राथमिकता है।
इन सुझावों का करें पालन
- जल्दी पकने वाली और अधिक पैदावार देने वाली किस्में चुनें।
- ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग का उपयोग करें।
- स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या विशेषज्ञों से परामर्श करें। यह तकनीक कपास उत्पादन में सुधार के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि करने में सहायक है।