ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच कई देश विरोधी लोगों को गिरफ्तार करने का सिलसिला भी जारी है।
इसी बीच हरियाणा स्थित अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान पढ़ाने वाले अली खान महमूदाबाद को 18 मई को ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस ब्रीफिंग्स को लेकर की गई उनकी टिप्पणियों के चलते गिरफ्तार किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी गिरफ्तारी भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेपी युवा मोर्चा) हरियाणा के महासचिव और सोनीपत के एक ग्राम सरपंच योगेश जाठेड़ी की शिकायत के आधार पर की गई। उनके वकीलों के अनुसार, यह शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई थी।
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परिवार के अनुसार, 42 वर्षीय अली खान को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की उन धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो राजद्रोह और धार्मिक भावनाओं के अपमान से संबंधित हैं। उन पर BNS की धारा 152 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है, जो भारतीय दंड संहिता (IPC) में पुराने राजद्रोह कानून की जगह लाई गई है।
यह धारा भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कार्यों को आपराधिक घोषित करती है, जैसे कि देश-विरोधी विद्रोह, अलगाववादी भावना फैलाना, या हथियारबंद विद्रोह के लिए उकसाना।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि, ‘ऑपरेशन सिंदूर पर की गई टिप्पणियों को लेकर हरियाणा की एक निजी यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को गिरफ्तार किया गया है।’
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, ‘हरियाणा पुलिस ने डॉ. अली खान को अवैध रूप से गिरफ्तार किया है। उन्हें ट्रांजिट रिमांड के बिना दिल्ली से हरियाणा ले जाया गया। FIR रात 8 बजे दर्ज हुई, और अगली सुबह 7 बजे पुलिस उनके घर पहुंची।’
उन्होंने आगे कहा, ‘दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।’
परिवार के अनुसार, अली खान को सुबह करीब 6:30 बजे उनके दक्षिण दिल्ली स्थित घर से उठाया गया और हरियाणा ले जाया गया। इससे पहले उन्हें दिल्ली के एक स्थानीय थाने में पेश किया गया था। बाद में अदालत ने उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया।