बिहार में सूखे की तैयारी, खरीफ की बुआई और कृषि के लिए विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए कृषि भवन, पटना में भारत सरकार की संयुक्त सचिव (फसल एवं तिलहन) शुभा ठाकुर और बिहार सरकार के सचिव (कृषि) संजय अग्रवाल की सह- अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। बिहार सरकार के कृषि निदेशक आलोक रंजन घोष ने सूखे की तैयारी के लिए पहले से ही किए गए उपायों पर प्रकाश डालते हुए और समीक्षाधीन विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उठाए गए कदमों को अद्यतन करते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई।
इस बैठक में आईएमडी के स्थानीय प्रतिनिधि भी मौजूद थे और उनके द्वारा बताया गया कि बिहार में मानसून आ गया है और अगले कुछ दिनों में व्यापक वर्षा का अनुमान है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अभी वर्षा की स्थिति संतोषजनक नहीं है, किन्तु अगले दो सप्ताह में और अधिक वर्षा होने की संभावना है जिससे स्थिति संतोषजनक हो सकती है।
बिहार सरकार के सचिव (कृषि) ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर बिहार सरकार डीजल और बीज पर सब्सिडी देने को तैयार है। उन्होंने बताया कि बीज आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आकस्मिक फसल योजना बिहार सरकार द्वारा पहले से ही लागू है। सिंचाई की सुविधा के लिए बिहार सरकार के बिजली विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 18-20 घंटे निर्बाध बिजली की वेवस्था की गई है। इसके अलावा जिला कृषि अधिकारियों द्वारा एक विस्तृत सूखा निवारण योजना तैयार की गई है।
संयुक्त सचिव शुभा ठाकुर ने बताया कि केंद्रीय योजनाओं के सभी घटकों, जैसे प्रदर्शन, कृषि उपकरण, बीज उत्पादन, इनपुट वितरण आदि के लिए, राज्य द्वारा जियो रेफरेंसिंग अनिवार्य रूप से की जानी है। उन्होंने राज्य को केंद्र सरकार द्वारा की जा रही डिजिटल पहल के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार को विभागों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए आईसीएआर संस्थानों और केवीके के साथ बैठकें करनी चाहिए। इस बात पर भी जोर दिया गया कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों की योजनाओं के विस्तार प्रयासों को संयोजित करने की आवश्यकता है। संयुक्त सचिव (फसल) ने स्वयं सहायता समूह के सदस्यों की भागीदारी बढ़ाने और पीएलआई के लाभों का लाभ उठाने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण विकास मंत्रालय और खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्रालय के साथ जिला स्तर पर योजनाओं के कन्वर्जेंस और साथ ही मिलेट तथा ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए एमओएफपीआई की पीएम एफएमई योजनाओं का लाभ उठाने के बारे में भी जानकारी दी। ।
केंद्र और राज्य सरकार दोनों ने सूखे एवं बाढ़ से सम्बंधित सभी आकस्मिक योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की और यह आश्वासन दिया गया कि किसानों को इनपुट आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए गए हैं।