लोकसभा में 13 दिसंबर को हुए सुरक्षा चूक के मामले में विपक्षी सांसदों द्वारा गृह मंत्री के बयान की मांग एवं सदन में विरोध प्रदर्शन करने पर लोकसभा एवं राज्यसभा के अध्यक्षों ने कड़ा फैसला लिया है। आज लोकसभा में 33 और राज्यसभा 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले 14 दिसंबर को 14 सांसदों को निलंबित किया गया था। जिसमे से 13 लोकसभा के सांसद और एक राज्यसभा के सांसद थें।
18 दिसंबर को लोकसभा में निलंबित हुए 33 सांसदों में से 30 सांसदों को पुरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। वहीं तीन सांसदों को विशेषाधिकार समिति के रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। इन तीनों पर स्पीकर के पोडियम पर चढ़कर नारेबाजी करने का आरोप है। लोकसभा में निलंबित होने वाले सांसदों की सूची में टी. सुमति, कल्याण बनर्जी, ए राजा, दयानिधि मारन, अपारूपा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, ईटी मोहम्मद बशीर, जी. सेल्वम, सीएन अन्नादुरई, अधीर रंजन चौधरी, असीत कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एंटो एंटनी, एसएस पलानीमनिकम, अब्दुल खालिक, थिरुनावुक्करासर, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के.मुरलीधरन, सुनील मंडल, एस. रामालिंगम, के. सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई, टीआर बालू, के कानी नवास, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, सौगत रॉय, शताब्दी रॉय, के जयकुमार शामिल हैं।
राज्यसभा से विपक्ष के जिन 34 सांसदों को सस्पेंड किया गया है, उनमें प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याग्निक, नारायण भाई राठवा, शक्ति सिंह गोहिल, रजनी पाटिल, सुखेंदु शेखर, नदिमुल हक, एन. षणमुगम, नसीर हुसैन, फुलोदेवी नेताम, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सुरजेवाला, मौसम नूर, समिरुल इस्लाम, रंजीत रंजन, कनिमोझी, फैयाज अमजद, मनोज झा, रामनाथ ठाकुर, अनिल हेगड़े, वंदना चव्हाण, रामगोपाल योदव, जावेद अली खान, जोस के मणि, महुआ मांझी और अजीत कुमार शामिल हैं। 11 सांसदों को प्रिविलेज समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है। एक टीएमसी सांसद को 14 दिसंबर को ही निलंबित किया गया था। राज्यसभा में कुल निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या इस प्रकार 46 हो गई है।
विपक्षी सांसदों का आरोप है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री सदन के बाहर संसद की सुरक्षा चूक पर बात करते हैं लेकिन सदन के अंदर बयान नहीं देते। विपक्ष की मांग है कि गृहमंत्री सदन में आकर बयान दें।
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सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस ने क्या कहा
सांसदों के निलंबन पर लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी मांग है- हमारे जिन साथी सांसदों को निलंबित किया गया है, उनकी बहाली की जाए और गृहमंत्री जी संसद की सुरक्षा चूक पर सदन में आकर बयान दें। सदन चलाने के लिए सरकार को विपक्ष को कॉन्फिडेंस में लेना होगा, लेकिन आज मोदी सरकार तानाशाही कर रही है। वो अपने इशारे पर सदन को चलाना चाहती है।
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