खेती का वर्क फ्रॉम होम एक ऐसी खबर लाया है जो कमाल की है. घर बैठ कर खेती कीजिये और दो करोड़ कमाइए. दो करोड़ का टर्न ओवर चार करोड़ में भी बदल सकता है यदि आप एक नई विधि से करते हैं मशरूम की खेती.
सबसे अच्छी बात ये है कि ये खेती आप घर बैठ करके कर सकते हैं. आप घर में ही उगा सकते हैं मशरूम और कर सकते हैं जोरदार कमाई. बस आपको इस काम में गंभीर होना होगा और अपने सम्पूर्ण समर्पण का परिचय भी देना होगा. .
उलटे तरीके से तो कमाई बड़ी हो सकती है लेकिन सीधे तरीके से बड़ी कमाई करना आसान नहीं होता. मशरूम की घरेलू खेती आपको बड़ी कमाई का वादा कर सकती है पर आपको मैदान में खुद उतरना पड़ेगा.
नई विधि है ये घर में मशरूम उगाने की
बिहार के राजेश कुमार सिंह ने मशरूम उगाने की एक इस तरह की विधि विकसित की है, जो कि सबके लिए कारगर है, हर कोई अब आसानी से अपने घर में मशरूम की खेती कर सकता है.
भारतीय सब्जी बाजार में पिछले कुछ वर्षों से मशरूम का बाज़ार में उछाल आई है जिसने मशरूम के किसानों को काफी फायदा दिया है. बाजार में मशरूम की बढ़ती मांग को सप्लाई देने में बड़ा योगदान दिया है बिहार के या जिले के गुरुआ ब्लॉक के इटहरी गाँव के रहने वाले राजेश कुमार सिंह ने.
अपनी नई आसान मशरूम उत्पादन की विधि से न केवल राजेश सिंह बड़ा व्यवसाय कर रहे हैं, अपितु बिहार ही नहीं दूसरे प्रदेशों से भी आ रहे किसानों को वे मशरूम की खेती का प्रशिक्षण देते हैं.
ये है बकेट मशरूम खेती
राजेश सिंह की मशरूम खेती की यह विधि बकेट मशरूम खेती के नाम से लोकप्रिय हुई है. राजेश सिंह पिछले कई साल से मशरूम की खेती कर रहे हैं. बाजार में आमतौर पर बटन मशरूम ही मिलता है और लोग इसी की खेती करना चाहते हैं, परन्तु ऑयस्टर मशरूम की अपनी अलग ख़ासियत होती है.
इस बात को ध्यान में रख कर उन्होंने ऐसा तरीका सोचा जिससे लोगों को अपने घर ताज़े मशरूम मिल जाएँ. ऑयस्टर मशरूम पॉलिथीन बैग में उगाया जाता है. पर उसको उगते समय, बेचते समय और उसके संरक्षण में कई सारे इंतजाम करने होते हैं. ऐसे राजेश सिंह का बकेट में मशरूम उगाने का आइडिया जयदा कारगर सिद्ध हुआ.
सबके काम आ रहा है राजेश सिंह का आईडिया
एक प्लास्टिक की लगभग 500 रुपए में मिल जाती है और एक बाल्टी में छह से आठ किलो तक मशरूम एक बार में उगाया जा सकता है. इस तरह पाँच सौ रुपए लगा कर 1500 से 2000 हजार रुपए तक कमाए जा सकते हैं.
राजेश सिंह इसे मशरूम की बकेट को पूरी तरह से तैयार करके देते हैं. लेने वाले को बस इसमें नमी बनाये रखने के लिए समय-समय पर पानी छिड़कना होता है. एक ही बाल्टी को मशरूम उगाने के लिए बार बार उपयोग में लाया जा सकता है.
मशरूम की खेती से सालाना दो करोड़ की कमाई
पहले राजेश सिंह एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते थे. उन्होंने नौकरी छोड़ कर मशरूम की खेती का काम प्रारम्भ किया. सौ बैगों से मशरूम की खेती शुरू करके वे आज 100 टन तक मशरूम का उत्पादन करने लगे हैं. अब इस गृह-कृषि कार्य से उनका वार्षिक टर्न ओवर दो करोड़ रुपये पहुँच गया है.
हफ्ते भर में होने लगता है उत्पादन
राजेश सिंह अपनी कम्पनी के प्लेटफॉर्म पर किसानों को 500 रुपया में रेडी टू ग्रो बकेट मशरूम उपलब्ध करा रहे हैं. इसमें कम से कम 7 दिन में और अधिकतम 10 दिन में मशरूम उगना शुरू हो जाता है. गैस सिलेंडर की तरह ही किसान इसकी रिफिलिंग भी करवा सकते हैं. ज्यों ही मशरूम का उत्पादन समाप्त हो जाये, आप फिर से ढाई सौ रुपये देकर बकेट में मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं.
राजेश सिंह किसानो और स्वयं सहायता समूह को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण भी देते हैं. इनकी यूनिट का मशरूम बिहार भर में बिक रहा है और बाहर झारखंड, दिल्ली, तक भेजा जा रहा है.