पंचायती राज मंत्रालय, जनजातीय गौरव दिवस पर देश भर में ग्राम सभा का आयोजन कर रहा है। जनजातीय गौरव दिवस, आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाया जाता है। इस मौके पर आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा साथ ही उनके योगदान को याद किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने के लिए वर्ष 2025 को जनजातीय गौरव वर्ष घोषित किया है। जनजातीय गौरव दिवस 15 नवंबर से 26 नवंबर 2024 तक मनाया जाएगा।
पंचायती राज मंत्रालय यह जनजातीय गौरव दिवस 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 450 से अधिक जिलों, 2400 ब्लॉकों, 29,000 ग्राम पंचायतों और लगभग 51,000 गांवों में मनाया जाएगा, इसमें चुनावी राज्य झारखंड और महाराष्ट्र के गांव शामिल नहीं हैं।
जनजातीय गौरव दिवस पर संविधान की प्रस्तावना का पाठ, स्वच्छता और समुदायों को नशीले पदार्थों से मुक्त रखने संबंधी प्रतिज्ञाएं भी की जाएंगी। “एक पेड़ माँ के नाम” के तहत उस इलाके के बड़े लोगों के नाम पर वृक्षारोपण भी किया जाएगा।
जनजातीय गौरव दिवस के दौरान पंचायत प्रतिनिधि और ग्राम सभा सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन/प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा। जिसमें पेसा, एफआरए, सतत विकास लक्ष्य, सतत विकास लक्ष्यों का स्थानीयकरण (एलएसडीजी) और पंचायत विकास सूचकांक (पीडीआई) जैसे विषय शामिल रहेगा।
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यह पहल 2 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान पर भी आधारित है। इस अभियान का उद्देश्य 17 मंत्रालयों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका की आवश्यकताओं को संतृप्त करना है। इस ढाँचे के भीतर, पंचायती राज मंत्रालय का राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) एफआरए के साथ काम करने वाले ग्राम सभाओं और अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण में सहयोग करेगा, जो भारत सरकार द्वारा परिकल्पित आदिवासी सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास के व्यापक ढाँचे के अनुरूप है।