केंद्र सरकार ने केरल और मेघालय के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग का अनुदान जारी कर दिया है। यह अनुदान वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए है। केरल के लिए 266.80 करोड़ रुपये और मेघालय के लिए 27.00 करोड़ का अनुदान जारी किया गया है।
केरल को जारी किया गया फंड राज्य की सभी 14 जिला पंचायतों, 152 ब्लॉक पंचायतों और 941 ग्राम पंचायतों के स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए है। मेघालय को जारी किया गया फंड वित्तीय वर्ष 2021-22 का है। ये फंड राज्य की सभी 3 स्वायत्त जिला परिषदों (खासी, गारो, जैंतिया) के लिए है।
कैसे जारी होता है यह अनुदान
केंद्र सरकार पंद्रहवें वित्त आयोग को पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय ( पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ) के माध्यम से सिफारिस भेजता है फिर वित्त मंत्रालय उस अनुदान को जारी करता है। आवंटित अनुदान की राशि को वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में जारी किया जाता है।
इन कामों के लिए जारी किया जाता अनुदान
ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग द्वारा जारी किया गया अनुदान स्वच्छता, खुले में शौच-को बंद करने के लिए (ओडीएफ) स्थिति का रखरखाव, घरेलू अपशिष्ट प्रबंधन, मानव अपशिष्ट उपचार और मल-कीचड़ प्रबंधन करने के लिए किया जाता है। साथ ही वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण पहलों के साथ-साथ पीने के पानी की आपूर्ति करना भी शामिल है।
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भारत सरकार पंद्रहवें वित्त आयोग अनुदान के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) / ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) को सशक्त बनाकर ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को सक्रिय रूप से मजबूत कर रही है। ये फंड पीआरआई / आरएलबी को अधिक सक्षम, जवाबदेह और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा मिलता है।