पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) द्वारा प्रदान की जाने वाली नागरिक-केंद्रित सेवाओं पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में ग्रामीण नागरिकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने में पीआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया। वेबिनार के दौरान, पंचायतों में सेवा प्रदान करने के बारे में एक लघु वीडियो दिखाया गया।
इस वेबिनार में स्थानीय स्वशासन के तीसरे स्तर के रूप में पंचायतों द्वारा ग्रामीण शासन में विशेष रूप से ग्रामीण नागरिकों को आवश्यक सेवाओं की समय पर और प्रभावी उपलब्धता सुनिश्चित करने में निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया गया। सेवाओं के प्रभावी और कुशल वितरण को सुनिश्चित करने के लिए नागरिक-केंद्रित व्यवस्था को प्राथमिकता देने पर ध्यान केंद्रित किया गया जिससे जमीनी स्तर पर समग्र शासन को बढ़ाया जा सके।
जमीनी स्तर पर काम करने वाली पंचायती राज संस्थाएँ शासन में सबसे आगे हैं, यह सुनिश्चित करती हैं कि सरकारी योजनाएँ, कल्याण कार्यक्रम और नागरिक सेवाएँ ग्रामीण भारत के हर कोने तक पहुँचें। जल आपूर्ति, स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवा से लेकर डिजिटल साक्षरता और बुनियादी ढाँचे के विकास तक की ये सेवाएँ ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को आकार देने और लाखों नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में महत्वपूर्ण हैं।
इस वेबिनार में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और आईटी सचिवों के साथ-साथ पंचायती राज विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों/प्रधान सचिवों/सचिवों, आकांक्षी जिलों के उपायुक्तों/जिला मजिस्ट्रेटों और वर्ष 2022, 2023 और 2024 के सभी राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार विजेता और उनके प्रतिनिधि ने भाग लिया।
यह भी पढ़ें: अलीगढ़ जनपद की 10 ग्राम पंचायतें हुई टीबी मुक्त
यह वेबिनार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके वर्तमान सेवा वितरण मॉडल पर चर्चा करने और शासन को अधिक नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए उनकी भावी योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान किया। वेबिनार की सह-अध्यक्षता डीएआरपीजी के सचिव श्री वी. श्रीनिवास और पंचायती राज मंत्रालय (एमओपीआर) के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने किया।