Bhishma Panchak 2024: आज से हो रहा है श्रीगणेश भीष्म पंचक का. ऐसी हालत में आपको जानना चाहिए कि कि क्या करना चाहिए और किन कार्यों से परहेज करना चाहिए.
Bhishma Panchak 2024: कार्तिक मास में आता है ये भीष्म पंचक जिसका महत्व विशेष बताया जाता है. इस बार साल 2024 में 11 नवम्बर याने आज से प्रारम्भ हो रहा है भीष्म पंचक. इसका समापन हो रहा है चार दिन बाद 15 नवंबर. पौराणिक मान्यता बताती है कि यह पंचक मुख्य रूप से भीष्म पितामह के नाम समर्पित है. पद्म पुराण में कहा गया है कि जो कोई भीष्म पंचक के दौरान व्रत रखता है वो भगवान श्रीकृष्ण का विशेष प्रिय होता है. आइये हम जानते हैं कि भीष्म पंचक के दौरान हमे क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए.
भीष्म पंचक के दौरान न करने योग्य हैं ये कार्य
अगर आपने भीष्म पंचक के दौरान व्रत किया है तो आपको इन चार दिनों के दौरान दूध और उससे बनी चीजों का सेवन करने से परहेज करना होगा.
भीष्म पंचक के दौरान आपको लहसुन-प्याज, मांस मदिरा अंडा इत्यादि वर्जित पदार्थों के सेवन से भी परहेज करना होगा. इन चार दिनों के दौरान प्रत्येक तामसिक वस्तुओं का सेवन निषेध है.
इन चार दिनों के दौरान भीष्म पंचक का व्रत रखने वालों को वाचिक पाप से भी बचना है. दूसरे शब्दों में कहें तो आपको न ही किसी को अपशब्द कहना है न किसी को श्राप या बद्द्दुआ देना है, आपको किसी को मुगलिया भाषा की गाली भी नहीं देनी है.
ये हैं वो कार्य जो भीष्म पंचक के दौरान करणीय हैं
धार्मिक मान्यताएं कहती है कि भीष्म पंचक के दौरान आपको पूरे पांच दिनों तक गंगा नदी में स्नान करना चाहिए यह आपके लिए अत्यंत शोघ है. यदि आपके आसपास गंगा नदी नहीं है तो आप अपने नहाने वाले पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.
इन पांच दिनों में आपको भगवान् श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप करना चाहिए. भीष्म पंचक में ये जाप करने से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
भीष्म पंचक के दौरान आपको पारिवारिक संस्कारों का भी ध्यान रखना है और परिवार के बड़े-बुजुर्गों का पूरी तरह आदर और सम्मान करना होगा. ऐसा करने से आपके जीवन में शुभता का संचार होगए.
भीष्म पंचक के पाँचों दिनों के दौरान यदि आप गीता का पाठ कर सकें तो इसे अत्यंत शुभ माना गया है. भगवान श्रीकृष्ण की वाणी में स्तुति करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.
भीष्म पंचक के दौरान जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण है वो है व्रत. इन पांच दिनों के दौरान शुद्धता के साथ व्रत रखना शुभ माना जाता है. भोजन के लिए व्रत में फलाहार की अनुमति है .
भीष्म पंचक के दौरान यदि आपने व्रत रखा है तो पांच दिनों तक आपको सिर्फ फलाहार ग्रहण करना चाहिए. इस दौरान भोजन में बीज वाले फल यथा- अनार, अमरूद, खीरा इत्यादि खाने से परहेज करना चाहिए.