डिजिटल युग लोगों के लिए वरदान है तो वहीं कई लोगों के लिए अभिशाप भी बनता जा रहा है। जैसे-जैसे हरेक काम डिजिटल हो रहा है, वैसे-वैसे अपराध भी डिजिटल होने लगा है। अपराधों के डिजिटलीकरण के बाद नए मामला आ रहे हैं डिजिटल अरेस्ट के। डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ठग करोड़ों की ठगी कर रहे हैं। हरेक लोगों को अब डिजिटल अरेस्ट के बारे में जानना चाहिए और इससे सावधान रहना होगा। जिससे वो ठगी का शिकार ना हों।
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
अपराध के नए तरीके, डिजिटल अरेस्ट में अपराधी पुलिस, सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी और अन्य फर्जी अधिकारी बन कर लोगों को वीडियो कॉल करता है और उन्हें बताता है कि आपके आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड या अन्य माध्यम से आपराधिक कार्य हुआ है। यह बात सुनते ही सामने वाला व्यक्ति डर जाता है और वह इसी डर का लाभ उठाकर लाखों रुपया का चूना लगा देता है।
एक बार जब व्यक्ति डर जाता है तो वही जालसाज जो किसी अधिकारी का रूप धरा रहता है, वह इससे बचने का उपाय बताता है। वह वादा करता है कि वह उसे इस मामले से सुरक्षित बाहर निकाल देगा। इसके बदले वह कई बार विभिन्न खातों पर रुपया मंगवाता है। यह सारा वाक्या/बातचीत के समय सामने वाला व्यक्ति वीडियो कॉल पर ही रहता है। उसे शुरू में ही धमका दिया जाता है कि उसे यह कॉल नहीं काटना है और न हीं अपनी जगह से उठना है।
अपराधी इतने शातिर होते हैं कि वह फर्जी पुलिस स्टेशन, सीबीआई, ईडी ऑफिस का सेटअप तैयार किये रहते हैं, जिसे वह वीडियो कॉल के माध्यम से दिखाते हैं। इसके साथ ही अपराधी कॉल कर घर से बाहर रहने वाले लोगों का नाम लेकर, उनके भाषा में बात करके, तरह-तरह के अपराध करने के बारे में बताते हैं और पैसे ठगते हैं।
आपको ऐसा कॉल आए तो क्या करना है?
अगर आपके पास ऐसा कॉल आता है तो सबसे पहले बिना घबराए अपने आस-पास के लोगों को इसके बारे में बताए। लोकल पुलिस वाले को इसके बारे में जानकारी दें। कॉल करने वाले के द्वारा बताए हुए किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना है। अगर वह आपके किसी भी परिवार के सदस्य या संबंधियों को लेकर कुछ कहता है तो भी बिना घबराए कुछ देर के बाद और दूसरे नंबर से अपने उन परिवार के सदस्य से बात करें। अगर उन्हें कॉल नहीं लग रहा, तो भी नहीं घबराएं। कई बार ऐसा होता है कि अपराधी आपके मोबाइल को हैक कर लेता है जिसके कारण आपका कॉल नहीं लग पाता।
ऐसा कॉल आए तो साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या http://cybercrime.gov.in पर शिकायत करें।
हाल की डिजिटल अरेस्ट की घटना
पिछले दिनों दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले बुजुर्ग रिटायर्ड इंजीनियर को एक ऐसा ही कॉल आया और डिजिटल अरेस्ट कर जिंदगी भर की कमाई ठगों ने ठग ली। ठगों ने उस बुजुर्ग से 10 करोड़ 30 लाख रुपए ठग लिए। जिसमें से पुलिस ने अब तक केवल 60 लाख रुपए की रकम फ्रीज करवा पाई है।
बुजुर्ग कैसे हुए ठगी के शिकार?
ठगी के शिकार बुजुर्ग को एक कॉल आया जिसे उन्होंने रिसीव किया। कॉल करने वाले ने बुजुर्ग को बताया कि आपके नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है जिसमें प्रतिबंधित दवाइयां आई हैं। यह सुनकर बुजुर्ग घबरा गया। कॉल करने वाले ने फिर उनसे कई तरह की जानकरी मांगी और धमकाया की अगर वह इस मामले से बचना चाहता है तो जो-जो वह कहा रहा है, वह वो बुजुर्ग करें।
बुजुर्ग से 10 करोड़ 30 लाख रुपया ठगा
सबसे पहले बुजुर्ग को कैमरे के सामने बैठने को कहा गया और चेताया गया कि जबतक आप कैमरे के सामने हैं तभी तक बचे हुए हैं। उसके बाद वह परिवार के अन्य सदस्य को भी इस घतरे में आने की बात कहता है। इसके बाद बुजुर्ग डर जाते हैं। कॉल करने वाला बचाने के नाम फिर उससे रूपये की ठगी शुरू करता है। धीरे-धीरे वह बुजुर्ग से 10 करोड़ 30 लाख रुपया ठग लेता है। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई पुलिस का ठग बताया।
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बाद में बुजुर्ग को खुद एहसास हुआ कि वह ठगी के शिकार हो चुके हैं। वह पुलिस में इसकी शिकायत करते हैं। पुलिस ने इस मामले को साइबर टीम को सौंप दिया। साइबर टीम ने अब तक केवल 60 लाख रुपए की रकम को फ्रीज कर पाई है।