भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने हाल ही में एक ऐसी रिपोर्ट जारी की है जिसने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है। RBI ने जो रिपोर्ट जारी की है उसमें किसानों और मजदूरों की आय से संबंधित कुछ प्रमुख बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में मजदूर और किसानों का आय में बेहद असमानता भी है।
RBI की इस रिपोर्ट में कृषि, गैर-कृषि और निर्माण क्षेत्र की दैनिक मजदूरी के बारे में बताया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों में ये बात भी सामने आई है कि केरल में ग्रामीण क्षेत्रों के कामगार देश के अन्य कामगारों की तुलना में सबसे ज्यादा कमाते हैं। कई ऐसे कामगार हैं जिनका वेतन 700 रुपये प्रतिदिन से भी ज्यादा है। यानी कि केरल के कामगार देश के सामान्य कामगारों की तुलना में तीन गुना ज्यादा कमाते हैं।
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किन राज्यों के सबसे ज्यादा और सबसे कम कमाते हैं कामगार?
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार केरल में निर्माण कार्य में लगा मजदूर प्रति दिन 894 रुपये कमाता है। तो वहीं मध्य प्रदेश का मजदूर प्रतिदिन सबसे कम 292 रुपये कमाता है। गैर कृषि में लगे मजदूरों की अगर बात करें तो केरल का मजदूर प्रतिदिन 735 रुपये कमाता है और मध्य प्रदेश में सबसे कम 262 रुपये कमाता है।
कृषि क्षेत्र में चुनौतियां: कृषि उत्पादों की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है। प्याज और टमाटर जैसी फसलों की कीमतों में वृद्धि के कारण किसानों को प्रभावित होना पड़ा। इसके अलावा, गेहूं और चावल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भी वृद्धि हुई, जिससे उपभोक्ताओं पर दबाव पड़ा है।
ग्रामीण आय में सुधार के प्रयास: ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढ़ाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, जैसे सस्ते दामों पर अनाज उपलब्ध कराना और सब्सिडी देकर उत्पादन लागत को कम करना। साथ ही, ग्रामीण मांग में
सुधार भी दर्ज किया गया है।
महंगाई और आय पर प्रभाव: कृषि उत्पादों की महंगाई के कारण किसानों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। हालांकि, सरकार की विभिन्न नीतियों जैसे फसलों की खरीद बढ़ाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)
पर जोर देने से कुछ राहत मिली है।
रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्र में मांग में सुधार हो रहा है, जो मजदूरों और किसानों की आर्थिक स्थिति के लिए सकारात्मक संकेत है। ये सारी जानकारी RBI की आधिकारिक वेबसाइट पर छपी रिपोर्ट में है।