भारत में बच्चों के समग्र विकास के क्षेत्र में ग्राम पंचायतें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के विथरी चैनपुर ब्लॉक में स्थित भरतौल ग्राम पंचायत इसका एक बेहतरीन उदाहरण बनकर सामने आया है। यह पंचायत “बाल हितैषी पंचायत” के तौर पर उभरा है। इस ग्राम पंचायत का नेतृत्व ग्राम प्रधान श्रीमती प्रवेश कर रही है। आइए जानते हैं, इस पंचायत की नेतृत्वकर्ता, उपलब्धियों, योजनाओं और विकास के पहलुओं के बारे में विस्तार से।
बाल हितैषी पंचायत किसे कहते हैं?
बाल हितैषी पंचायत उन ग्राम पंचायतों को कहा जाता है जहां बच्चों का समग्र विकास किया जा रहा हो। बच्चों को समय पर टीकाकरण, पौष्टिक आहार, अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो। बच्चों को सभी प्रकार की हिंसा, दुर्व्यवहार और बाल विवाह, तस्करी और बाल श्रम की घटनाओं से बचाना है।
सफलता की कहानी बाल हितैषी पंचायत भरतौल की
बाल हितैषी पंचायत बनाने के लिए ग्राम पंचायत भरतौल की ग्राम प्रधान श्रीमती प्रवेश ने मन में दृढ़संकल्प लेकर लक्ष्य निर्धारित किए और सम्बन्धित विभागो एवं स्थानीय लोगों का परामर्श और सहयोग भी लिया। एक निश्श्चत कार्ययोजना के अन्तर्गत कार्य करते हुए समस्त बाल हितैषी पहलुओं पर कार्य किया गया।
ग्राम पंचायत का परिचय
‘भरतौल’ पंचायत की कुल जनसंख्या 7551 हैं। इसमें पुरुषों की संख्या 3889 और महिलाओं की संख्या 3662 है। इस ग्राम पंचायत में कुल निर्वाचित सदस्य 15 है, जिसमें 10 पुरुष और 05 महिलाऐं हैं। घरों की कुल संख्या 1250 है। इस पंचायत में 5 प्राथमिक विद्यालय है। इस ग्राम पंचायत का नेतृत्व ग्राम प्रधान श्रीमती प्रवेश कर रही है।
बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया
ग्राम पंचायत भरतौल में बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित किया। पंचायत के सभी बच्चो का नियमित टीकाकरण, सभी महिलाओ का सुरक्षित प्रसव, उनके पोषणयुक्त आहार की उपलब्धता, उनकी स्वास्थ सम्बंधित जांच के साथ-साथ पंचायत मे जन्म मृत्यु रजिस्टर शत प्रतिशत अपडेट, धात्री व गर्भवती महिलाओ का शत प्रतिशत टीकाकरण, बाल मैत्री शौचालय और बाल मैत्री हैण्डवाशिंग मल्टीटैप का निर्माण भी कराया है।
बेहतर शिक्षा व्यवस्था
पंचायत में बच्चों को उचित शिक्षा प्रदान करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों का सही से संचालन करवाना, बच्चों को उसमें पंजीकरण करना, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों मे बच्चो की बेहतर उपस्थिति एवं ड्राप आआउट शून्य करने के लिए उचित प्रयास किया। इसके अतिरिक्त विद्यालय में मल्टीटैप वाटर यूनिट के साथ-साथ बालक बालिका शौचालय और दिव्यांग शौचालय का भी निर्माण करवाया। ग्राम पंचायत मे शैक्षिक वातावरण प्रदान करने के लिए ग्राम पंचायत मे एक पुस्तकालय को भी विकसित किया गया है।
खेल का उचित व्यवस्था
बच्चों के समग्र विकास में खेल का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। ग्राम पंचायत भरतौल मे विद्यालयो, आंगनवाड़ी सस्थान और पार्क मे विभिन्न झूले लगाए गये। ग्राम पंचायत स्तर पर खेल प्रतियोगिता का भी आयोजन समय-समय पर किया जाता है।
बच्चों के सुरक्षा का भी ख्याल रखा गया
बाल हितैषी पंचायत भरतौल में बच्चों की पंचायत मे भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बाल पंचायत का भी निर्माण किया गया है। ग्राम पंचायत सभी बच्चो की सुरक्षा को सर्वोपरी मानते हुए शून्य बाल विवाह, शून्य बाल मजदूरी को भी प्रशस्त किया गया हैं।
लैगिंक समानता को दिया बढ़ावा
गांव मे सीसीटीवी कैमरे लगाये गये है, जिससे महिलाओ और बच्चो को सुरक्षा का भय नही रहता । गांव के सामुदायिक शौचालयो मे भी बच्चो के लिए अलग से यूरिन और टायलेट के साथ, उनकी ऊचाई के अनरूप हैण्डपम्प यूनिट भी लगाये गये है।
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बाल हितैषी पंचायत को और भी सफल बनाने के लिए गांव मे जगह जगह पर बाल अधिकार चाइल्ड हेल्पलाइन, और संविधान मे बच्चों से सम्बन्धित कानूनी नियमों की पेटिंग भी करवाई गई है। इसके अलावा लैगिंक समानता को बढावा देने, भेदभावपूर्ण समाजिक मानदंडों पर ध्यान देने, लिंग आधारित हिंसा और हानिकारक प्रथाओं की रोकथाम पर उत्कृष्ट प्रथाओं का प्रलेखन भी कराया गया है।