भारत सरकार के विदेश मंत्रालय (ME) ने हाल ही में 23 भारतीय मिशनों/पोस्टों के लिए पासपोर्ट, वीज़ा और कांसुलर सेवाओं की आउटसोर्सिंग के लिए नया टेंडर जारी किया है। अब हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की जेब पर भारी पड़ेगा। इस नए टेंडर के तहत भारतीय नागरिकों को खाड़ी देशों जैसे- सऊदी अरब, कुवैत, कतर, बहरीन, और अन्य देशों की यात्रा के लिए अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। ये शुल्क पहले की तुलना में 15 से 20 गुना तक बढ़ सकते हैं। हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की जेब पर भारी पड़ेगा।
नए टेंडर में क्या है बदलाव?
23 भारतीय मिशनों/पोस्टों के लिए जारी किए गए इस नए टेंडर के मुताबिक, यात्रा से संबंधित कई सेवाओं के शुल्क में वृद्धि की संभावना है। इसमें पेपर्स का डिजिटलीकरण, बायोमेट्रिक जानकारी जैसे फिंगरप्रिंट और चेहरे की स्कैनिंग, फोटोकॉपी, फोटोग्राफी, फॉर्म भरना और कूरियर सेवाएं शामिल हैं। पहले इन सेवाओं के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जाता था, लेकिन अब सभी सेवाओं के लिए एक निर्धारित राशि वसूल की जाएगी, जिसका सीधा असर यात्रा करने वालों पर पड़ेगा।
भारतीय यात्रियों को क्या होगा असर?
नए शुल्क ढांचे के अनुसार, यात्रियों को इन सभी सेवाओं के लिए एक ही तय राशि का भुगतान करना होगा। पहले, यदि यात्री अपने दस्तावेज़ खुद लाते थे, तो उन्हें अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता था, लेकिन अब हर किसी को सभी सुविधाओं के लिए शुल्क चुकाना होगा। इस बदलाव से खासकर ट्रैवल कंपनियों को फायदा होने की संभावना है, जिनका इन देशों के लिए टेंडर मिलने की संभावना है।
कौन-कौन सी कंपनियां इस क्षेत्र में सक्रिय हैं?
अब तक VFS Global, IVS Global, BLS International, DU Digital और Alankit जैसी कुछ प्रमुख कंपनियां इस क्षेत्र में सक्रिय रही हैं, जो इन सेवाओं के लिए टेंडर के माध्यम से भुगतान वसूल करती हैं। माना जा रहा है कि नए टेंडर के बाद इन कंपनियों का ही इस क्षेत्र पर कब्जा रहेगा, क्योंकि उन्हें इन सेवाओं के लिए निविदा (टेंडर) मिलने की पूरी संभावना है।
क्यों बढ़ेंगे शुल्क?
इस बदलाव का मुख्य कारण भारतीय मिशनों और पोस्टों द्वारा सेवा शुल्क के बढ़ने का है। विदेशी श्रमिकों, विशेषकर ब्लू कॉलर श्रमिकों, के लिए यह वृद्धि चिंता का विषय बन सकती है, क्योंकि कई भारतीय कामकाजी लोग इन देशों में काम करने के लिए जाते हैं और अब उन्हें अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। इसके अलावा, हज यात्रा के लिए जाने वाले यात्रियों के लिए भी यह बदलाव महंगा साबित हो सकता है।
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भारत सरकार के नए टेंडर के बाद खाड़ी देशों की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों को अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा। इन बदलावों से जहां ट्रैवल कंपनियों को फायदा होगा, वहीं यात्रियों के लिए यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ का कारण बनेगा। यात्रियों को अब इन नई शर्तों के तहत सेवाओं के लिए अधिक भुगतान करना होगा।