पाकिस्तान में एक बार फिर भीतरी हालात अस्थिर होते नजर आ रहे हैं। इस बार संकट का केंद्र बना है—पानी। देश के दो प्रमुख प्रांत, पंजाब और सिंध, पानी के बंटवारे को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। विवाद ने अब उग्र रूप ले लिया है और हालात हिंसक हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने सिंध के गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर हमला कर दिया और वहां आगजनी की घटना को अंजाम दिया।
पानी के मुद्दे पर भड़की आग, सड़कों पर प्रदर्शन
गर्मी बढ़ने के साथ देश के कई हिस्सों में पानी की भारी किल्लत हो गई है। सिंध प्रांत के लोग आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें उनका उचित पानी नहीं मिल रहा है और पंजाब जानबूझकर पानी की आपूर्ति रोक रहा है। इसी को लेकर सिंध के विभिन्न इलाकों में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
शनिवार को नौशहरो फिरोज जिले के मोरो तालुका में स्थिति उस समय नियंत्रण से बाहर हो गई जब प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भीषण झड़प हो गई। ‘ट्रीब्यून एक्सप्रेस’ के अनुसार, इस झड़प में कम से कम दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने की कोशिश की, जिससे उन्हें बल प्रयोग करना पड़ा।
गृहमंत्री के घर पर हमला, निजी गार्ड्स ने की फायरिंग
स्थिति तब और बिगड़ गई जब गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने गृहमंत्री जियाउल हसन लंजर के घर पर धावा बोल दिया। उन्होंने घर में तोड़फोड़, कमरों और फर्नीचर में आगजनी, और लूटपाट की। जैसे ही गृहमंत्री के निजी सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंचे, प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भी निशाना बनाने की कोशिश की, जिसके जवाब में गार्ड्स ने हवाई फायरिंग शुरू कर दी।
हाईवे पर ट्रकों को फूंका, पूरे इलाके में तनाव
प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े ट्रकों में आग लगा दी और कई स्थानों पर लूट की घटनाओं को अंजाम दिया। पूरे क्षेत्र में तनाव और डर का माहौल है। प्रशासन ने हालात को काबू में लाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है।
सवालों के घेरे में इमरान सरकार की नीति
इस पूरे घटनाक्रम ने पाकिस्तान सरकार की पानी प्रबंधन नीति पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। सिंध के स्थानीय नेता आरोप लगा रहे हैं कि पंजाब को सरकार का अधिक समर्थन प्राप्त है, जिससे सिंध के हक मारे जा रहे हैं।
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वहीं, सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस समाधान की घोषणा नहीं की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल संकट को जल्द नहीं सुलझाया गया, तो यह मुद्दा पाकिस्तान के लिए आंतरिक अस्थिरता का बड़ा कारण बन सकता है।