पाकिस्तान की संघीय कैबिनेट ने एक अहम फैसला लेते हुए सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर प्रमोट कर दिया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। हैरानी की बात यह है कि यह प्रमोशन उस वक्त दिया गया है जब हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
सेना प्रमुख का कार्यकाल पहले ही बढ़ चुका है
जनरल असीम मुनीर नवंबर 2022 से पाकिस्तान के 11वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। पिछले साल सरकार ने उनके कार्यकाल को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया था, जिससे वे अब 2027 तक इस पद पर बने रहेंगे। फील्ड मार्शल के रूप में यह प्रमोशन उनकी सैन्य सेवा को एक और नई ऊंचाई पर ले गया है।
ISI चीफ रह चुके हैं असीम मुनीर
सेना प्रमुख बनने से पहले असीम मुनीर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ भी रह चुके हैं। सेना में उनका लंबा अनुभव और रणनीतिक मोर्चों पर उनकी भागीदारी उन्हें पाकिस्तानी सैन्य ढांचे में एक अहम चेहरा बनाती है।
एयर चीफ मार्शल का कार्यकाल भी बढ़ा
कैबिनेट बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू का कार्यकाल भी बढ़ाया जाएगा। जहीर सिद्धू फिलहाल पाकिस्तान एयरफोर्स के प्रमुख हैं और अब वे भी अपने पद पर लंबा समय तक बने रहेंगे।
भारत-पाक मौजूदा हालात पर चर्चा
बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों की जानकारी भी कैबिनेट को दी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों देशों के बीच हालात और भी संवेदनशील हो गए हैं। ऐसे में सेना के शीर्ष पदों पर स्थायित्व बनाए रखने की रणनीति के तहत ये फैसले लिए गए हैं।
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जनरल असीम मुनीर का फील्ड मार्शल बनना पाकिस्तानी सैन्य इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है, लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वह इस पद के साथ देश की रणनीतिक स्थिति को मजबूत कर पाएंगे या नहीं।