बिहार राज्य के अधिकांश जिलों में धान की खेती की जाती है लेकिन कुछ हिस्सों में प्याज की खेती पर भी जोर दिया जाता है। इसी क्रम में अब नीतीश सरकार ने प्याज की खेती पर जोर देते हुए नई योजना के तहत फंड जारी किया है। सरकार ने इस चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्याज क्षेत्र विस्तार योजना के तहत फंड की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
राज्य सरकार ने शारदीय (खरीफ) प्याज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग की ओर से एक विशेष विस्तार योजना शुरू की है। इस योजना के लिए 202.125 लाख की राशि स्वीकृत की गई है।
यह भी पढ़ें- गुजरात से आतंकियों पर गरजे PM Modi, बोले-‘उसी दिन इन मुजाहिदीनों को मौत के घाट उतार दिया होता..’
उपमुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जानकारी दी कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य शारदीय प्याज की खेती का क्षेत्रफल बढ़ाना है, जिससे कुल उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि हो और किसानों को आर्थिक रूप से लाभ मिल सके। इस योजना के तहत लघु, सीमांत और बटाईदार किसान सब्सिडी का लाभ उठा सकेंगे।
किन जिलों के किसान होंगे लाभान्वित?
इस योजना का लाभ राज्य के 18 जिलों के किसानों को मिलेगा…
बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सिवान और वैशाली।
बीज वितरण और सब्सिडी
- प्रति हेक्टेयर 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता निर्धारित की गई है।
- बीज की कीमत 2450 प्रति किलो या वास्तविक दर (जो भी कम हो) होगी।
अनुमानित लागत 24,500 प्रति हेक्टेयर मानी गई है, जिस पर किसानों को 75% सब्सिडी, यानी 18,375 प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता दी जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया: पहले आओ, पहले पाओ
बीज की आपूर्ति राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पटना और बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड, पटना के माध्यम से की जाएगी।
- किसानों को योजना का लाभ उठाने के लिए DBT पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।
- आवेदन http://horticulture-bihar.gov.in वेबसाइट पर किए जा सकते हैं।
- चयन प्रक्रिया ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर की जाएगी।
कौन-कौन किसान ले सकेंगे लाभ?
- इस योजना का लाभ लघु, सीमांत और बटाईदार किसानों को मिलेगा।
- इसके लिए पट्टा या बटाई अनुबंध प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
पात्रता सीमा
न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.10 हेक्टेयर) से अधिकतम 5.00 एकड़ (2.00 हेक्टेयर) तक भूमि वाले किसान।
सरकार का उद्देश्य
बिहार सरकार की यह योजना केवल प्याज की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास नहीं, बल्कि राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे किसानों को अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा और खरीफ प्याज उत्पादन में स्थिरता लाई जा सकेगी।