देश में 1 जुलाई यानि आज से तीन नए कानून– भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनयम प्रभावी हो गए हैं। बता दें कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह इन नए कानूनों ने ली है।
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नए कानूनों के तहत अब ई-एफआईआर दर्ज की जा सकेगी और एक हफ्ते के अंदर फैसला ऑनलाइन उपलब्ध कराना होगा। बताया जा रहा है कि इन नए कानूनों के तहत अब FIR, चार्जशीट और अदालत फैसलों में तेजी आएगी। कोर्ट के फैसलों में भी अब तेजी आएगी। यानि कि अब तारीख पर तारीख नहीं मिलेगी बल्कि झटपट फैसले आएंगे।
वहीं, अब कोर्ट जांच और फैसलों के लिए मोबाइल मैसेज और ई-मेल भी साक्ष्य के तौर पर माने जाएंगे। किसी भी केस की पहली सुनवाई से 60 दिनों के अंदर अदालत को आरोप तय करने होंगे। वहीं, अंतिम सुनवाई के अधिकतम 45 दिनों में फैसला भी सुनाना अनिवार्य होगा। इससे अह कोर्ट के काम में तेजी आएगी और लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
नए कानून के तहत..
- नए कानून के तहत अब आपको यहां थाना ढुढ़ने की जरूरत नहीं होगी। अब किसी भी थाने में रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। 15 दिनों के अंदर संबंधित थाने को केस सौंपना होगा।
- अब कोई भी नागरिक कहीं भी अपराध मामले में जीरो FIR दर्ज कर सकेगा। केस को जांच के लिए संबंधित थाने में भेजना होगा।
- FIR और बयान से जुड़े पेपर्स, फरियादी को दिए जाने का प्रावधान भी इसमें रखा गया है।
- फरियादी, आरोपी से हुई पूछताछ के पेपर्स भी पुलिस से ले सकता है।