इस साल की अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक सख्त और रणनीतिक रूप से तैयार की गई है। हालिया पहलगाम आतंकी हमले और खुफिया एजेंसियों से मिली चेतावनियों को देखते हुए प्रशासन ने 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक यात्रा मार्ग को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित करने का निर्णय लिया है। यह कदम यात्रा के दौरान किसी भी संभावित हवाई खतरे को रोकने के लिए उठाया गया है।
उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में लिए गए बड़े फैसले
मंगलवार को श्रीनगर में आयोजित एक महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक में देश की प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में शामिल हुए:
- इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) निदेशक नलीन प्रभात
- जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दलजीत सिंह चौधरी
- बीएसएफ के डीजी सदानंद दाते
- एनआईए प्रमुख मनोज यादव
- आईटीबीपी, आरपीएफ, और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी
- चिनार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव
बैठक में यात्रा मार्ग की सुरक्षा, आतंकी गतिविधियों की आशंका, और तकनीकी निगरानी उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। अधिकारियों ने विशेष बलों की तैनाती, ड्रोन सर्विलांस, संदिग्धों की निगरानी और असामान्य चेकिंग अभियानों को प्राथमिकता देने की बात कही।

नो-फ्लाई ज़ोन: क्या है इसका मतलब?
सुरक्षा व्यवस्था के तहत यात्रा मार्ग को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया है। इसका अर्थ है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के गैर-सरकारी ड्रोन, हवाई जहाज या अन्य उड़न उपकरणों की अनुमति नहीं होगी। इससे संदिग्ध हवाई गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जाएगा और समय रहते खतरे को टाला जा सकेगा।
पहलगाम हमला और खुफिया एजेंसियों का अलर्ट
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्गों पर सुरक्षा घेरा और कड़ा कर दिया गया है।
29 जून से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा
इस साल अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त तक चलेगी। लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंचेंगे। यात्रा के दो पारंपरिक मार्ग—पहलगाम और बालटाल—से यात्रा कराई जाएगी।
यात्रियों की सुविधा के लिए प्रशासन तैयार
यात्रियों की सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने:
- चिकित्सा केंद्रों की स्थापना
- पेयजल और राशन की व्यवस्था
- मोबाइल टॉयलेट्स
- इंटरनेट कनेक्टिविटी
- हेल्पलाइन नंबर और सूचना बोर्ड्स
जैसी व्यवस्थाएं तेजी से अंतिम चरण में पहुंचा दी हैं।
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अमरनाथ यात्रा को लेकर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं। खुफिया अलर्ट, आतंकी गतिविधियों की आशंका, और हालिया हमलों को देखते हुए इस बार सुरक्षा प्रबंध अभूतपूर्व और बहुस्तरीय होंगे। श्रद्धालुओं से भी अपील की जा रही है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।