पिछले कुछ समय से मोदी काफी गंभीर हो गए हैं और बहुत कम विषयों पर अपने विचार व्यक्त करते हैं. हाल ही में उन्होंने एक रचनात्मक राष्ट्रवादी विचार को देश के सामने रखा है जिसकी देश भर में प्रशंसा हो रही है.
पीएम मोदी ने जो कहा वो देश में एक मिसाल बन सकती है क्योंकि देश भर में ऐसे नाम बिखरे पड़े हैं जो स्थानों पार्कों मुहल्लों के हैं और विदेशी आक्रांताओं के नाम पर रखे गए हैं. ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि इन नामों को हटा कर इनके स्थान पर राष्ट्र के नायकों के नाम स्थापित किये जाएँ ताकि जो बात प्रधानमंत्री ने कही, वो सार्थक हो सके.
दूसरे शब्दों में भारत के राष्ट्रनायकों के प्रति देश की आने वाली पीढ़ियों को अपनी कृतज्ञता दिखाने का अवसर मिलना चाहिए और इसके लिए आवश्यक है कि वे उनका नाम याद रखें. नाम भूल न जाएँ इसलिए अब राष्ट्रवादियों के इस देश में राष्ट्र नायकों को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए !
यह महत्वपूर्ण विचार पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर किया. उन्होंने अंडमान-निकोबार के इक्कीस द्वीपों के नामकरण का उल्लेख करते हुए कहा कि – ”जो राष्ट्र अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं, वे ही राष्ट्र-निर्माण और विकास के पथ पर आगे बढ़ते हैं. इसलिए इन द्वीपों का नाम हमें अपने राष्ट्र-नायकों के नाम पर रखना आवश्यक है!”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि अंडमान-निकोबार के द्वीपों का नाम राष्ट्र के नायकों के नाम पर रखने से यह यह सुनिश्चित हो जाएगा कि राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा को आने वाली पीढ़ियां कभी नहीं भूलेंगी.
X.com पर पीएम मोदी ने लिखा, “अंडमान-निकोबार में द्वीपों का नाम अपने नायकों के नाम पर रखना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और उन प्रतिष्ठित हस्तियों की स्मृति को संरक्षित करने के प्रयास का भी हिस्सा है, जिन्होंने हमारे देश पर एक अमिट छाप छोड़ी है.”
आगे लिखते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जो राष्ट्र अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं, वे ही विकास और राष्ट्र-निर्माण में आगे बढ़ते हैं. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का भी आनंद लें. सेलुलर जेल भी अवश्य जाएं और महान वीर सावरकर के साहस से प्रेरणा लें.”