Ayodhya Ram Mandir 2025: उत्तरप्रदेश के कर्मयोगी मुख्यमंत्री ने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अपने संबोधन के माध्यम से गहन गंभीर संदेश दिया..
Ayodhya Ram Mandir 2025: पांच सो वर्षों की प्रतीक्षा के उपरांत अयोध्या में बना भव्य राम मंदिर मात्र एक मंदिर नहीं अपितु राष्ट्र की एकता का प्रतीक है राष्ट्र के गौरव का विषय है – ये शब्द अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के कार्यक्रम में कहे.
सीएम योगी ने कहा प्रभु श्रीराम और भारत राष्ट्र एक-दूसरे के पूरक हैं. सीएम योगी ने राम मंदिर निर्माण के साथ ही साथ धर्म नगरी अयोध्या को श्रेष्ठतम सांस्कृतिक नगरी बनाने की दिशा में चल रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला.
पांच सदी की प्रतीक्षा के पश्चात आया वह अवसर जो जिस पीढ़ी को देखने का मौक मिला वह धन्य हो गई. अयोध्या की पुण्यभूमि पर बना नव्य-भव्य मंदिर भगवान श्रीराम का ही नहीं, राष्ट्र का भी मंदिर है.
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम पावन वर्षगांठ पर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा आयोजित समारोह में सीएम योगी मुख्य अतिथि के रूप में पधारे. अपने संबोधन से उन्होंने इस अवधारणा को पुष्ट किया.
अंगद टीला प्रांगण में हुआ आयोजन
आज इस पावन समारोह के अवसर पर रामजन्मभूमि परिसर के साथ लगे अंगद टीला प्रांगण में एकत्र हुए थे हजारों रामभक्त, साधू-संत, राम मंदिर आंदोलन से जुड़े राम भक्त, जन-प्रतिनिधि एवं तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य. राम भक्तों से ठसाठस भरे जनसमूह को सीएम योगी ने संबोधित किया.
‘श्रीराम और राष्ट्र पूरक हैं एक-दूसरे के’
इस दौरान उन्होंने कहा कि श्रीराम और राष्ट्र एक दूसरे के पूरक हैं – श्रीराम के बिना राष्ट्र की और राष्ट्र के बिना श्री राम की कल्पना नहीं की जा सकती. श्रीराम हैं तो राष्ट्र हैऔर राष्ट्र है तो श्रीराम हैं.
‘विभाजन के कारण अपमान का सामना करना पड़ा’
सीएम योगी ने मंच से कहा कि प्रतिष्ठा द्वादशी मूल रूप से भारत की राष्ट्रीय एकात्मता की कड़ी को सशक्त करने वाली होगी, ताकि हिंदू समाज जाति, क्षेत्र, भाषा के आधार पर विभाजित न हो सके.
अपमान का स्मरण कराया
स्मरण कराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह के विभाजन के कारणवश ही रामजन्मभूमि सहित हिंदू अस्मिता के पर्याय अनेक धर्म स्थलों को कई सौ वर्षों तक अपमान के घूंट पीने पड़े.
फिर सावधान किया
सावधान करते हुए योगी ने कहा कि यदि हिंदू समाज जाति और संकीर्ण वादों-विचारों के नाम पर बंटेगा तो हमारे गौरव के पर्याय धर्म स्थलों को पुन: अपमानित होना पड़ेगा.