केला और केले का पत्ता भी सदा से भारतीय भोजन परंपरा का एक स्वस्थ हिस्सा रहा है. अब आजके तकनीकी युग में भी इसकी उपयोगिता में कोई कमी नहीं आई है. परन्तु अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस को वापस लाएं और दैनिक जीवन का अंग बनाएं.
न केवल हमारी सेहत के लिए केले का पत्ता काम का है बल्कि हमारी आर्थिक सेहत के लिए भी ये बड़े काम का है. बस हमें इसका सही इस्तेमाल जानना है और दुनिया इसको इस्तेमाल में ला सके इसलके लिए इसकी जानकारी को आगे बढ़ाना है.
आज बाज़ार में न केवल केला बल्कि उसके पत्ते भी अच्छे दामों पर बिक रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो केले का फल याने कि केले की तरह ही केले का पत्ता भी हमारी आमदनी बढ़ा सकता है पर उसके पहले हमें उसे लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका भी जान लेना चाहिए.
दक्षिण भारत के राज्यों जैसे कि केरल और तमिलनाडु में न केवल केले के फल, बल्कि स्वास्थ्यवर्धक केले के पत्तों की भी बाज़ार के साथ ही साथ दैनिक जीवन का भी एक अहम हिस्सा है. यहां लोग केले के पत्तों पर भोजन करते हैं, और इसे शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. केले के पत्तों पर खाना खाने से आनंद के साथ जो स्वास्थ्यकर तत्व शरीर को मिलता है, वह ग्रीन टी पीने के लाभों के समान होता है. आजकल खाड़ी देशों में भी केले के पत्तों का निर्यात बढ़ रहा है.
ताजे केले के पत्ते आमतौर पर भोजन के समय थाली की भाँति उपयोग में लाये ही जाते हैं विशेषकर छुट्टियों में पार्टी के अवसरों पर भोजन के लिए इनका इस्तेमाल बहुत लोकप्रिय हो रहा है. ताजे पत्तों की मांग बढ़ने के साथ-साथ इसके भोजन और पूजन के समय के उपयोग भी लगातार बढ़ रहे हैं.
जिस तरह से केले के ताजे पत्तों पर भोजन-सामग्री रखने पर उसकी शुद्धता बनी रहती है ठीक वैसे ही पूजन सामग्री एवं पूजा के समय उपयोग में आने वाली विभिन्न वस्तुएं यदि थाली में रखने के स्थान पर केले के पत्तों पर रखी जाएँ तो उनकी पवित्रता बनी रहती है.
शुद्धता व स्वास्थ्य की दृष्टि से ताजे केले के पत्ते हमारी रसोई का अनिवार्य हिस्सा बन रहे हैं. चाहे वो पारम्परिक भारतीय व्यंजन हों अथवा आधुनिक जीवन शैली के भोजन अर्थात केक, पीज़ा, पास्ता, मोमो आदि – प्रत्येक भोजन सामग्री को केले के पत्तों पर रखा जा रहा है जिससे लोगों को भोजन करने में और अधिक आनंद आ रहा है.
कम ही लोगों को पता है कि केले के पत्तों के और भी कई उपयोग हैं, जैसे यह बुखार को कम करने के काम में आता है और घावों को जल्दी भरने में भी मदद करता है. लोग इनका इस्तेमाल केक लपेटने और चिपचिपे चावल जैसी वस्तुओं को पैक करने में भी करने लगे हैं.
सुरक्षा और प्रसंस्करण
आधारभूत प्रसंस्करण: ताजे केले के पत्तों का पहले कम तापमान पर प्रारंभिक प्रसंस्करण किया जाता है. फिर उनकी सतह को साफ करके उनको पानी में भिगोया जाता है.
धुलाई ऐसे कीजिये: केले के पत्तों को वाशबेसिन में रखकर बहते पानी से तुरंत धोया जा सकता है. फिर एक साफ कपड़े से पत्तों को पोंछा जाता है जिससे उसकी सतह की बारीक गंदगी साफ़ हो जाए. परन्तु धोते समय ध्यान रखें कि नरम हाथों से धोएं ताकि पत्ते फटें नहीं.
ब्लांचिंग: धोने के बाद, ताजे पत्तों को कुछ मिनट्स के लिए उबलते पानी में रखा जाता है उसके बाद उनको ठंडा किया जाता है. यह प्रक्रिया ब्लांचिंग कहलाती है, जो पत्तों की कठोरता बनाए रखने और सूक्ष्मजीवों को मारने में सहायक सिद्ध होती है. साथ ही इससे पत्तों की हरी रंगत लंबे समय बरकरार रहती है.
स्टोरिंग ऐसे करें: सावधानी से केले के पत्तों को मोड़कर प्लास्टिक की थैली में रखा जाता है. प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग ठंडी हवा के संपर्क कम से कम करने में मदद करता है. इनके भंडारण की अवधि सात से दस दिनों की हो सकती है.
आप केले के पत्तों को अधिक समय तक संरक्षित रखने के लिए उनको फ्रीजर में रखा जा सकता है. बर्फ़ीले केले के पत्ते उनकी प्राकृतिक स्थिति को बनाए रखने में सहायक होते हैं.
केले के पत्तों को 10 दिनों से अधिक समय तक ताजा रखने के लिए उनके बीच एथिलीन एब्जॉर्बिंग सैशे डाले जाते हैं या उन्हें MAP फिल्म्स में लपेटा जाता है और 5 डिग्री सेल्सियस के नियंत्रित तापमान में रखा जाता है. इस तरह संरक्षित करने से केले के पत्तों के निर्यात की संभावनाएँ बढ़ेंगी और अधिक आय का सृजन सम्भव हो सकेगा.
आजकल, केले के पत्तों से बने थाली, कटोरी और गिलास अच्छे सोसाइटी में प्रचलित हैं। ये प्लास्टिक का एक बेहतरीन विकल्प हैं और पर्यावरण के अनुकूल भी हैं, क्योंकि ये जल्दी सड़कर मिट्टी में मिल जाते हैं।
इस प्रकार, केले के पत्ते न केवल आमदनी का एक अच्छा स्रोत बन सकते हैं, बल्कि उनकी सही संरक्षण तकनीक से उन्हें लंबे समय तक ताजा भी रखा जा सकता है।
रही बात मार्केटिंग की तो उसके लिए हम एक अलग पोस्ट तैयार करेंगे. पर ये भी सच है कि मार्केटिंग आप भी खुद अपने स्तर पर कर सकते हैं. उसके लिए कोई राकेट साइंस जैसे ज्ञान की आवश्यकता नहीं. आपकी मार्केटिंग निस्संदेह कामयाब होगी अगर आपके प्रोडक्ट या आपकी सर्विस में दम है.