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Bangladesh Hindu Atyachar: अपने लोगों को बचाने में नाकाम भारत सरकार स्वार्थी या भयभीत?

Bangladesh Hindu Atyachar:पश्चिम बंगाल हो या बांग्लादेश,हिन्दू पिटे या मरे-इसपे भारत सरकार क्या करे?

Parijat Tripathi by Parijat Tripathi
2 December 2024
in दुनिया, भारत
0
बांग्लादेश का हिन्दू हलाक भारत सरकार खामोश अवाक !

बांग्लादेश का हिन्दू हलाक भारत सरकार खामोश अवाक !

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किसी समझदार ने कहा था – आपके पड़ौस में लूट हो रही हो और आप चैन की नींद सो रहे हों तो याद रखिये अगला नंबर आपका है. भारत के पड़ौस से बचाओ-बचाओ की आवाज़ें लगातार आ रही हैं जो 5 अगस्त के बाद से लगातार सुनाई दे रही हैं, पर भारत में किसी के कान में जू नहीं रेंग रही है.

वक्त ज़रा सा बद्तमीज क्या हुआ आप तो बदचलन हो गए ! 5 अगस्त के बाद से शेख हसीना का तख्ता पलट क्या हुआ लोगों के चेहरे बेनकाब हो गए इधर भी और उधर भी. उधर लुटेरे टूट पड़े तो हिन्दुओं को बचने की जगह नहीं मिली इधर हिन्दुओं की चीखें सुनाई दीं तो सरकार को छुपने की जगह नहीं मिली. सरकार भारत वाली बोली बिलकुल राजीव गांधी वाली शैली में – हम देखेंगे.. हम देख रहे हैं !

जो लोग पश्चिम बंगाल के हिन्दुओं के जलते घर अभी तक देख रहे हैं वो और क्या देखेंगे. सो, सरकार देखती रही भारत वाली -उधर मरते रहे हिन्दू बांग्लादेश वाले. बेटियां और बच्चियां सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बनती रहीं -हिन्दू कटते रहे -दरिंदे मंदिर जलाते रहे -इधर वीडियोज़ आते रहे -लेकिन भारत की सरकार ने देखना बंद नहीं किया. तब समझ में आया कि सरकार क्या देख रही है.

अभी अचानक आग ज़ोर से भड़क गई है बांग्लादेश में. हिन्दुओं का नरसंहार बड़े पैमाने पर किये जाने की साजिश शुरू की है कनवर्टेड हिन्दुओं ने. ज़ाहिर है भारत में आवाज़ भी जोरों से सुनाई देने लगी लेकिन हमारी सरकार छप्पन इंच के सीने वाली सरकार है. उसने कहा हम व्यस्तता में भी समय निकालेंगे और गोधरा काण्ड पर बनी फिल्म देखेंगे.

जो गोधरा एक सौ अठारह दिन से बांग्लादेश में चल रहा है और जो गोधरा चौदह साल से पश्चिम बंगाल के लोग देख रहे हैं उसे देखने के लिए छप्पन इंच के सीने वाली सरकार को समय नहीं मिला. प्रश्न ये है कि भारत की ये सरकार भयभीत है या स्वार्थी ?

बांग्लादेश हो या बंगाल, हिन्दुओं को न बचाने की सोच के पीछे अंतर्राष्ट्रीय महान शान्ति पुरस्कार की सोच भी हो सकती है और गल्फ देशों में मिले और मिल रहे सर्वोच्च पुरस्कारों के प्रति कृतज्ञता भी हो सकती है. जो भी हो, इतिहास में जब भी बांग्लादेश और बंगाल के हिन्दुओं पर जिहादी हमलों की बात आएगी, जब भी बंगाली हिन्दुओं के जनसंहार की बात आएगी -इस सरकार को बुरी तरह कोसा जाएगा. तब सरकार के सबसे ऊपर बैठे दो चेहरों को कितनी बद्दुआएं मिलेंगी और कितनी भर्त्सनायें -इसका हिसाब लगाना कठिन होगा.

बांग्लादेश में भयानक हमलों के शिकार हो रहे हिन्दुओं की दर्द भरी आवाज़ें सुन कर देश के प्रथम सेवक की आवाज़ चली गई है. वो गहरे सदमे में हैं. कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. इस विषय पर तो वैसे भी उनकी मुँह से पिछले चार माह से कुछ नहीं फूटा है. बड़ी मुश्किल से कल उन्होंने कहा है कि गोधरा काण्ड पर बनी फिल्म को देखेंगे.

गोधरा ? गोधरा की बात किसने की ? क्या आज गोधरा जल रहा है ? अगर सिनेमाघरों में गोधरा जल रहा है तो ज़मीन पर बांग्लादेश जल रहा है..

जब भारत पीस कीपिंग फ़ोर्स श्रीलंका में भेज सकता है तो बांग्लादेश में क्यों नहीं ? जब भारत की सेना बांग्लादेश बना सकती है तो बांग्लादेश बचा भी सकती है. और बांग्लदेश के हिन्दुओं को बचाकर देश के भीतर शान्ति स्थापित करने की जिम्मेदारी ले सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन दिनों जब शुरुआत हुई थी 5 अगस्त के बाद से बांग्लादेश में हिन्दुओं के अत्याचार के उस दौर में भारत सरकार के दो सबसे बड़े नेताओं में से एक के बेटे ने भारत की क्रिकेट टीम को बांग्लादेश में सीरीज़ खेलने भेजा हुआ था. शायद ये कांग्रेस के मुस्लिम अपीजमेंट के जवाब में बीजेपी के मुस्लिम अपीजमेंट का अंदाज़ था !

देश की सरकार चला रहे देश के सबसे बड़े नेता को शायद किसी ने बताया नहीं कि चुनाव फिर आ रहे हैं. 2029 में बस पांच साल की ही दूरी है. चुनाव फिर आ जाएंगे लेकिन इस बार आप क्या कह कर देश की जनता को फंसायेंगे ?

बांग्लादेश के हों या पश्चिम बंगाल के, हिन्दुओं को उनके हाल पर मरने को छोड़ देने के पीछे भी शायद बीजेपी वाले अपीजमेंट की कोशिश हो. मगर ये राजनीति इधर वाले भी समझ रहे हैं और उधर वाले भी.

ये हिन्दुओं का देश है और इस देश में हिंदूवादी पार्टी की सरकार है. ये दो बाते हैं और दोनों ही झूठ है . न ये देश हिन्दुओं का है न देश की सरकार हिन्दुओं की. तो फिर ये बात कोई जा कर बांग्लादेश के हिन्दुओं को बताता क्यों नहीं है? कम से कम मौत के घाट उतरने से पहले किसी बचाने वाले का इंतज़ार तो न होगा..

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