Bollywood Superstars: कई बॉलीवुड स्टार्स आज एक लम्बी दूरी चल कर अपने मुकाम पर पहुंचे हैं जहां कामयाबी उनके कदम चूम रही है. इस कामयाबी के पीछे की वजह जो दिखती है वो उनकी प्रतिभा और जो नहीं दिखती है वो उनकी मेहनत और कड़ा संघर्ष. इस कहानी को जान कर शायद आप इन सितारों के और बड़े प्रशंसक हो जायेंगे.
Stories of Struggle: आम तौर पर लोग बॉलीवुड के सितारों की चमक-दमक से प्रभावित हो कर उनको अपना रोल मॉडल बना लेते हैं लेकिन वो नहीं जानते कि आज के ये स्टार्स कल जब बुरे दौर से गुजर रहे थे तब उनकी मेहनत के साथ उनका संघर्ष क्या था.
जीत जाना बड़ी बात नहीं जीतने तक ज़िंदा रहना और लड़ते रहना बड़ी बात ह. आप इन सितारों की विजय यात्रा से ये एक गुण सीख सकते हैं.
आज कुछ सबसे बड़े फ़िल्मी दुनिया के नाम एक दिन में नहीं बने. उनको ये शोहरत और कामयाबी की विजय यात्रा के दौरान कितने काँटों पर चलना पड़ा है और कितने अंगारों पर -ये सिर्फ उनको ही मालुम है. आइये इस संघर्ष यात्रा को जानने का कुछ प्रयास करते हैं
आज के कामयाब सितारों की सफलता के पीछे छुपी संघर्ष की कहानियां डरावनी तो हैं पर डराती नहीं हैं बल्कि प्रेरणा देती हैं. जिस दौर में ये सितारे आसमान नहीं छू पाए थे उस समय फ़िल्मी दुनिया में पैर जमाने के साथ कोशिशों के बीच इनकी ज़िंदगी जीने की जद्दो-जेहद से हो कर भी गुजर रही थी. ये सितारे तब अलग-अलग नौकरियां करके अस्तित्व को बचाने में लगे थे.
ज़ाहिर है चांदी की चम्मच ले कर पैदा होने वाले सितारों की बात नहीं हो रही है. रजनीकान्त हों या अक्षय कुमार, पंकज त्रिपाठी हों या नवाजुद्दीन सिद्दीकी या फिर शाहरुख खान – सभी ने साधारण नौकरियां करके अपने को जिन्दा रखा और बॉलीवुड में जीत की जंग लड़ते रहे.
आइए झांकते हैं ज़रा सा इन स्टार्स के संघर्ष की कहानियों में जो आज कितने लोगों के लिए प्रेरणा का काम कर सकती हैं.
एक था किचन का महराजा
बॉलीवुड में खिलाड़ी कुमार के नाम से जाना जाता है अक्षय कुमार को. इनका असली नाम राजीव हरिओम भाटिया है. फिल्मों में कदम जमाने के दौर में अक्षय भी एक कठिन संघर्ष के दौर से गुजर चुके हैं. फ़िल्मी हीरो बनने से पहले वो शेफ का काम करते थे. इसके बाद उन्होंने वो काम छोड़ कर मार्शल आर्ट्स के ट्रेनर का काम शुरू कर दिया. इतना ही नहीं उन्होंने फोटोग्राफर के असिस्टेंट के तौर पर भी काम किया. लेकिन एक बार जो फिल्मों ने उनका दामन थामा तो आज तक नहीं छोड़ा. अक्षय कुमार आज बॉलीवुड के सबसे परिश्रमी और सफल अभिनेताओं में से एक हैं.
एक था ड्राइवर
सारी दुनिया में साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार रजनीकांत को उनके प्रशंसक भगवान के समान मानते हैं. उनकी ऐक्टिंग की स्टाइल पर तो उनके फैंस जान लुटाते हैं. अभिनय के लिए रजनीकांत को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड जैसा प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया है. लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने से पहले रजनीकांत एक बस कंडक्टर हुआ करते थे. न केवल वो बस में टिकट काटने का काम करते थे बल्कि अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए कुली का काम भी करते थे. बहुत ही गरीब घर में पैदा हुए रजनीकांत ने कम उम्र में ही छोटी छोटी नौकरियां करनी शुरू कर दी थी. और उसके बाद जिस दिन वो अभिनय के मैदान में उतरे तो ‘भगवान’ बन गए.
एक था राजू गाइड
बॉलीवुड का बादशाह कहे जाने वाले शाहरुख़ खान के लिए भी कामयाबी आसान नहीं थी. उनको आज की तारीख में फिल्म इंडस्ट्री के सबसे मशहूर और महंगे सितारों में गिना जाता है. फिल्मो में स्थान पाने के अपने मुश्किल दौर में शाहरुख़ खान एक टूरिस्ट गाइड के रूप में काम करते थे. हालांकि उनको फौजी और नुक्क्ड़ नाम के टीवी सीरियल्स में काम मिला तो उनके लिए फिल्मो में घुसना थोड़ा आसान हो गया. लेकिन फिर दीवाना, बाजीगर जैसी फिल्मो के मिलते ही शाहरुख़ ने अपनी प्रतिभा का जादू दिखाया. और फिर आई दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे – जिसके सुपरहिट होते ही एक दम से शाहरुख़ फ़िल्मी दुनिया के बड़े सितारे बन गए.
एक था वाचमैन
नवाजुद्दीन सिद्दीकी के अभिनय में गहराई है लेकिन उनके लिए भी फ़िल्मी दुनिया की मंज़िल बहुत दूर की कौड़ी थी. पर उन्होंने जमीन पर रेंगते हुए भी खड़े हो कर जीतने की कोशिश जारी रखी. उनके संघर्ष की कहानी तो बहुत ही प्रेरणादायक है. नवाज़ फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले एक वॉचमैन के तौर पर नौकरी करते थे. बाद में वो नौकरी छोड़ कर उन्होंने केमिस्ट की दुकान पर भी काम किया. रोज़ रोज़ फिल्म डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स से काम मांग कर नाकाम हो कर घर वापस आने वाले नवाजुद्दीन पर एक दिन किस्मत मेहरबान हो गई और उनको छोटे-छोटे रोल्स मिलने लगे. बस यहीं से उन्होंने अपनी ऐक्टिंग का वो जौहर दिखाया कि उनकी बेहतरीन एक्टिंग के लिए तारीफें मिलने लगीं. फिर तो सलमान खान जैसे सुपरस्टार ने उनको अपने मुकाबले खड़ा कर दिया और अपनी फिल्म का विलेन बना दिया. इसके बाद नवाज़ ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा. उनके अभिनय और उनके परिश्रम ने आज उन्हें बॉलीवुड का एक बड़ा सितारा बना दिया है.
बावर्ची बाबू थे आप
पंकज त्रिपाठी आज के दौर के संजीव कुमार हैं जिनकी सहज एक्टिंग किसी भी रोल के लिए फिट है. चाहे वो कालीन बाबू हों या अटल बिहारी बाजपेयी. उनके अभिनय की तो मिसाल दी जाती है. पंकज ने भी इंडस्ट्री में आने से पहले काफी परेशानियों का दौर देखा. अपने संघर्ष के दिनों में वो बावर्ची की नौकरी भी कर चुके हैं. फिर नवाज़उद्दीन की तरह ही उनको अचानक छोटे-छोटे रोल्स मिलने लगे जिनमे उन्होंने ऐसी परफॉर्मेंस दी कि अब तो हर निर्माता और निर्देशक उनका नाम सुनते ही हाँ कर देते हैं. आज फिल्म इंडस्ट्री में पंकज त्रिपाठी की वो पहचान है कि न केवल उनको एक से बढ़ कर एक ओटीटी सीरिअल्स में काम मिल रहा है अपितु उनको विज्ञापन भी बहुत से मिल रहे हैं क्योंकि सबको पता है वे एक बेहतरीन कलाकार हैं.