हम इक्कीसवीं सदी में हैं. दुनिया की खेती की किताब में शुरुआत से लेकर अब तक न जाने कितने पन्ने पलट गए. हम पत्थर युग से जेट युग में आ गए. अब खेती भी आधुनिक हो गई है हमारे साथ. नई-नई तकनीकें हमारे लिए अच्छी फसल का समाचार ला रही हैं और हमारे लिए खेती का काम आसान कर रही हैं. अब तो ऐसा हो गया है कि आप सफेद सोने की खेती भी आराम से कर सकते हैं.
क्या है ये सफेद सोना ?
वो खेती जो बहुत कमा कर दे या वो फसल जो सोने जैसी कमाई दे. सफ़ेद सोने की बात जब हम करते हैं तो उस सब्जी की फसल की बात करते हैं जो कीमती भी हो और सफ़ेद भी हो. बात हो रही है फूल गोभी की. नई तकनीक से गोभी की खेती आपकी जेब को मालामाल कर सकती है. आजमा के देखिये.
Cabbage Planting: गोभी की खेती की आधुनिक तकनीक किसानो के लिए बहुत काम की सिद्ध हो रही है. इस तकनीक के आने के बाद से गोभी की खेती अब सालभर संभव है. सब जानते हैं कि गोभी में कई पोषक तत्व होते हैं जो स्वस्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं. अनुकूल मिटटी और सही तापमान इस फसल की पैदावार बढ़ा देते हैं. सही कीटनाशक इस्तेमाल में लाया जाए तो हम इसका विभिन रोगों से भी बचाव कर सकते हैं.
ये है पूरे साल की खेती
माना जाता है कि गोभी ठन्डे क्षेत्रों की सब्जी है. पर आज की तारीख में आधुनिक तकनीक आजाने के कारण और उन्नत किस्मों की उपज होने के कारण अब इसकी खेती पूरे साल की जा सकती है. ये सर्दियों की खास फसलों में से एक मानी जाती है और सर्दियों के मौसम के जाने के बाद भी इसमें अच्छी पैदावार मिल सकती है. बाद करे पोषक तत्वों की तो गोभी में पोटैशियम, फॉस्फोरस, सल्फर, आयरन, सोडियम और विटामिन ए जैसे कई स्वास्थ्य के लिए हितकर तत्व पाए जाते हैं.
पोषक तत्व होते हैं बहुत से
ये पोषक तत्व अपनी उपस्थिति से गोभी को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बनाते हैं. शरीर को सम्पूर्ण पोषण मिल सकता है यदि इसे नियमित आहार में शामिल कर लिया जाये. गोभी की अच्छी बात ये है कि ये बढ़िया फसल के रूप में उपजती है और खूब कमाई कर के देती है.गोभी की खेती करने वाले पिरेला गांव के निवासी शिवकुमार मौर्य हाल ही में बड़े पैमाने पर गोभी की खेती की है. वो बताते हैं कि इस बार की गोभी की खेती से उन्हें लगभग 1.5 से 2 लाख रुपये की कमाई हुई है.
लगता है दो माह का समय
गोभी की अलग अलग किस्मों को उनके अपने समय के अनुसार तैयार किया जाता है. गोभी की वो किस्में जो जल्दी पकती हैं, लगभग 60-80 दिनों में रेडी हो जाती हैं, जिससे किसानों को जल्दी मुनाफा मिल जाता है. वो किस्मे जो देर से बोई जाती हैं वो किस्में 100-120 दिनों में तैयार होती हैं. इन किस्मों की पैदावार से गोभी साल में अलग-अलग समय पर उपलब्ध होती है. मिटटी की बात करें तो उस तरह की हल्की और दोमट मिट्टी जिसमें अच्छा जल निकास होता हो, गोभी की अच्छी खेती के लिए सबसे काम की मानी जाती है.
तापमान होना चाहिए 15-20 डिग्री का
तापमान की बात करें तो गोभी की अच्छी पैदावार 15-20 डिग्री सेल्सियस के तापमान में सबसे अच्छी होती है. इस कारण किसान अपने इलाके की जलवायु और मिट्टी की गुणवत्ता के मुताबिक़ सही किस्मों का चुनाव कर सकते हैं, और इस तरह अपनी गोभी की फसल की पैदावार में बढ़ोतरी कर सकते हैं.
रोगों और कीड़ों से बचाव
सामान्य सब्जियों की तुलना में गोभी के ऊपर कई रोगों और कीड़ों का खतरा मंडराता है, जैसे पत्तागोभी तितली, कैटरपिलर, काला तना और पत्तों पर दाग. कृषि विशेषज्ञ इसको रोकने के लिए इस तरह के कीटनाशकों का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं जिनको एंडोसल्फान, फॉस्फोमिडॉन और मैलाथियॉन और पानी मिलाकर छिड़काव करते हैं. ये छिड़काव पौधों को सुरक्षा का वरदान और फसल को गुणवत्ता का विशवास देता है.