कांग्रेस पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ CAG के जिन अधिकारियों ने घोटालों को उजागर किया, उन सबका ट्रांसफर कर दिया गया है। पवन खेड़ा ने 2013 की घटना को याद करते हुए कहा कि आज से 10 साल पहले रामलीला मैदान में भांति-भांति के ठग इकठ्ठा हुए थें। इन ठगों ने नौटंकी करके पूरे देश को फंसाया और मीडिया ने इसे जनआंदोलन बताया। इन सबने CAG रिपोर्ट्स को आधार बनाया था। तथाकथित 2G, कोयला घोटाले से जुड़े सभी रिपोर्ट्स-मामले बीते 10 सालों में बेबुनियाद साबित हुए। इन ठगों का मकसद डॉ. मनमोहन सिंह जी की साफ छवि को खराब करना और UPA सरकार को बदनाम करने का था।
भारतमाला प्रोजेक्ट में 1 रुपए का काम 14 रुपए में किया गया
पवन खेड़ा ने बताया कि जिस CAG ने साल 2015 में 55 रिपोर्ट्स निकाली थी, 2023 में वही CAG बड़ी मुश्किल से रिपोर्ट्स निकाल पा रही है। भारतमाला प्रोजेक्ट में 1 रुपए का काम 14 रुपए में किया गया। 1 किमी. की सड़क को 4 तरीके से नापकर 4 किमी. की सड़क बताया गया। आयुष्मान योजना के घोटाले सामने आए, जहां एक ही मोबाइल नंबर से लाखों लोग जुड़े थे। लेकिन CAG की रिपोर्ट पर मीडिया में कुछ नहीं दिखाया गया, रामलीला मैदान में भी कोई ‘आंदोलन’ देखने को नहीं मिला।
बीजेपी ने ‘आयोध्या विकास परियोजना’ में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया
भगवान राम के नाम पर वोट लेने वालों ने भगवान राम के घर को भी नहीं छोड़ा। बीजेपी ने ‘आयोध्या विकास परियोजना’ में ठेकदारों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा किया। इसी के साथ उड़ान, रेलवे, खादी ग्राम उद्योग, ग्रामीण विकास किसी को नहीं छोड़ा। यानी, खाऊंगा और खिलाऊंगा अगर बता दोगे, तो चुप भी कराऊंगा।
CAG के जिन 3 अधिकारियों ने मोदी सरकार के घोटालों को उजागर किया, उनका ट्रांसफर कर दिया गया। इन अधिकारियों में सबसे पहला नाम अतुराव सिन्हा का है जो भारतमाला प्रोजेक्ट की रिपोर्ट के प्रभारी थे, इनको दिल्ली से त्रिवेन्द्रम भेज दिया गया है। दत्त प्रसाद सूर्यकांत शिरसाट जो आयुष्मान योजना से जुड़े ऑडिट के प्रभारी थे, इन्हें लीगल सेल में भेज दिया गया एवं अशोक सिन्हा जिन्होंने आयुष्मान योजना का ऑडिट शुरू किया था, इन्हें राजभाषा में भेज दिया गया है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि CAG, मुंबई कार्यालय को एक E-MAIL भेजा गया, जिसमें कहा गया कि सारा ऑडिट और फील्ड वर्क रोक दिया जाए। यानी मोदी सरकार इस तरह से CAG का गला घोंट रही है।
पवन खेड़ा ने पीएम मोदी से पूछा यह सवाल
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