ENG vs IND: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की बहुप्रतीक्षित सीरीज़ का पहला मुकाबला 20 जून से लीड्स के ऐतिहासिक हेडिंग्ले मैदान में खेला जाएगा। आमतौर पर सीरीज़ के मध्य में टेस्ट की मेज़बानी करने वाले इस मैदान को इस बार शुरुआती टेस्ट के लिए चुना गया है, जिसने क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
भारत की नई कप्तानी और अनुभव की कमी
भारतीय टीम इस दौरे पर एक नए युग की शुरुआत कर रही है। रोहित शर्मा और विराट कोहली के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बाद शुभमन गिल को टेस्ट टीम की कमान सौंपी गई है। गिल की अगुवाई में यह पहली विदेशी टेस्ट सीरीज़ है। बल्लेबाजी क्रम में उनके साथ केएल राहुल सबसे अनुभवी खिलाड़ी होंगे, लेकिन इंग्लैंड जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उनका रिकॉर्ड अब तक संतोषजनक नहीं रहा है। ऐसे में उनके प्रदर्शन पर भी सभी की निगाहें रहेंगी।
टीम में यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी भी शामिल हैं, जो पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट खेलने जा रहे हैं। वहीं, करुण नायर की वापसी भी दिलचस्प है, जिन्होंने पिछला टेस्ट 2017 में खेला था।
लीड्स में भारत का रिकॉर्ड और पिछली हार की याद
भारतीय टीम लीड्स में पिछले दो दशकों में ज़्यादा क्रिकेट नहीं खेल पाई है। वर्ष 2021 में जब टीम ने यहां आखिरी बार टेस्ट खेला था, तो उसे पारी की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस मैदान पर जीत दर्ज करना भारतीय टीम के आत्मविश्वास के लिए बेहद अहम होगा।
पिच की स्थिति और मौसम का प्रभाव
हेडिंग्ले के मैदान प्रमुख रिचर्ड रॉबिन्सन के अनुसार, हाल के सप्ताहों में शुष्क मौसम और इंग्लैंड की आक्रामक “बैजबॉल” रणनीति को देखते हुए एक बेहतर बल्लेबाजी पिच तैयार की गई है। उन्होंने कहा, “टीमें ऐसी पिच चाहती हैं जिस पर लाइन पर शॉट खेले जा सकें। उम्मीद है कि शुरुआती दिन तेज़ गेंदबाज़ों को मदद मिलेगी, लेकिन तापमान बढ़ने के साथ पिच सपाट होती जाएगी।”
बैजबॉल बनाम भारत की रणनीति
इंग्लैंड की बैजबॉल शैली, यानी हर हाल में आक्रामक क्रिकेट, इस टेस्ट में भी देखने को मिलेगी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी पिच भारतीय बल्लेबाज़ों को भी कुछ हद तक राहत दे सकती है, खासकर अनुभवहीन बल्लेबाजी क्रम को खुद को साबित करने का मौका मिलेगा।
भारत की तैयारी और रणनीति
भारतीय टीम सोमवार को लीड्स पहुंच चुकी है और शुरुआती ट्रेनिंग सेशन भी शुरू हो चुके हैं। इंग्लैंड ने भी अभ्यास के दौरान पिच को ढककर रखा, जिससे संकेत मिलता है कि वे विकेट को लेकर बेहद सतर्क हैं। गिल एंड कंपनी के सामने न सिर्फ चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां हैं, बल्कि यह भी मौका है खुद को विदेशी धरती पर साबित करने का।
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लीड्स में होने वाला पहला टेस्ट मैच सिर्फ एक मुकाबला नहीं, बल्कि भारत की युवा टेस्ट टीम की कड़ी परीक्षा है। जहां एक ओर इंग्लैंड अपनी आक्रामक रणनीति के साथ उतरेगा, वहीं भारत की नई पीढ़ी के पास खुद को साबित करने का सुनहरा मौका होगा। 20 जून से शुरू हो रही इस भिड़ंत में रोमांच और रणनीति दोनों की भरपूर झलक देखने को मिलेगी।