British Royal Navy F-35B stealth fighter jet: केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 72 घंटे से ब्रिटिश रॉयल नेवी का एक F-35B स्टील्थ फाइटर जेट अभी भी ग्राउंडेड है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जेट में ‘तकनीकी खराबी (technical snag)’ आ गई है, जिसके कारण इसे उड़ान भरने से रोका गया है।
यह शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) क्षमता वाला जेट यूके के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है, जो हाल ही में भारतीय नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास के बाद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में तैनात है। रविवार सुबह इस विमान को ईंधन की कमी के कारण तिरुवनंतपुरम की ओर डायवर्ट करना पड़ा था।
आपातकालीन लैंडिंग के एक दिन बाद, रॉयल नेवी का एक AW101 मर्लिन हेलीकॉप्टर तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पहुंचा, जो पायलट को वापस HMS प्रिंस ऑफ वेल्स पर ले गया।

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F-35B- दुनिया का सबसे उन्नत और महंगा फाइटर प्रोग्राम
F-35B स्टील्थ फाइटर जेट इतिहास का सबसे महंगा और तकनीकी रूप से उन्नत लड़ाकू विमान है। इसे लॉकहीड मार्टिन द्वारा डिजाइन किया गया और इसमें कई अंतरराष्ट्रीय साझेदार देशों की सेनाएं शामिल हैं।
B वेरिएंट, जिसे रॉयल नेवी ऑपरेट करती है, शॉर्ट टेक-ऑफ और वर्टिकल लैंडिंग कर सकता है, जिससे यह उन एयरक्राफ्ट कैरियर्स से उड़ान भर सकता है जिनमें कैटापल्ट सिस्टम नहीं होता।
F-35 परिवार में A, B और C वेरिएंट शामिल हैं और हाल के महीनों में इन्हें कई युद्ध क्षेत्रों में तैनात किया गया है। इजरायली वायु सेना ने अपने F-35 विमानों का इस्तेमाल ईरानी क्षेत्रों पर सटीक हमलों के लिए किया है, जिससे इस विमान की रणनीतिक अहमियत सामने आई है।
F-35 की स्टील्थ क्षमताएं, एडवांस्ड सेंसर फ्यूज़न टेक्नोलॉजी, और नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध कौशल इसे दुनिया के सबसे आधुनिक और वांछनीय प्लेटफॉर्म्स में से एक बनाते हैं।
हालांकि, इसकी क्षमताओं के बावजूद, F-35 प्रोग्राम को इसकी अत्यधिक लागत और बार-बार आने वाली तकनीकी खामियों को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी है। F-35B वेरिएंट विशेष रूप से लिफ्ट फैन सिस्टम और वर्टिकल लैंडिंग मैकेनिज्म से संबंधित समस्याओं के लिए जाना गया है।