पेरिस ओलपिंक 2024 में भारतीय खिलाड़ी अपना बेस्ट दे रहे हैं और मेडल भी हासिल कर रहे हैं। वहीं, पहली बार महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंचीं विनेश फोगाट से देश को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी, लेकिन फाइनल खेलने से पहले ओवरवेट होने की वजह से उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।
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50 किलोग्राम से 100 ग्राम ज़्यादा होने के कार विनेश और देश दोनों का गोल्ड का सपना टूट गया। विनेश को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं इस पर भी अभी संशय बना हुआ है। जैसे ही पेरिस से ये खबर आई तो भारत के करोड़ों लोगों के दिल टूट गए और इसी के साथ शुरु हुआ जवाब-सवालों का दौर। सबके मन में कई सवाल हैं। इन सारे सवालों का संशय दूर करने के लिए पंचायती टाइम्स और पॉवर कोरिडॉर ने देश के शीर्ष स्तर के पूर्व रेसलर और उच्च कोटि के कोच सतपाल सिंह से खास बातचीत की।
सवाल- सर, विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में फाइनल के लिए डिस्क्वालिफाई कर दिया गया है…क्या है ये पूरा मामला.. हमारे दर्शक जानना चाहते हैं?
जवाब- गेम से पहले वेट होता है..जिसके लिए आधे घंटे का समय दिया जाता है। फिर बाउट शुरु होती है तीन घंटे बाद। हर एक पहलवान 3-4 किलो वजन कम करके आते हैं..2-4 दिन पहले से वेट घटाना शुरू कर देते हैं। फिर वेट होता है और बाउट हुआ। विनेश ने तीनों बाउट जीते फिर कुछ प्रोटीन वगैरह खाया तो वेट ज्यादा हो गया। करीब 2 किलो वजन ज्यादा हो गया था फिर विनेश ने वजन कम करने के लिए खूब मेहनत की। बताया जा रहा है कि इसके लिए विनेश ने अपने बाल तक कटवा लिए थे।
100 ग्राम से देश का मेडल चला गया। विनेश महिलाओं का सुशील है। कोई भी खिलाड़ी जिसे पता है कि सिल्वर या गोल्ड तय है वो क्यों वेट बढ़ाएगा? देश के प्रति विनेश का जज्बा कम नहीं था। मुझे पता था 50 किलो में विनेश मेडल लेकर जरूर आएगी ।
सवाल: न्यूट्रीशियन ने बताया कि हमने जो फिक्स डाइट दी थी फिर भी वेट बढ़ गया। तो सर, क्या ऐसा होता है कि कभी कभी न्यूट्रीशियन से गलती हो जाती है या नेचुरली कभी-कभी वेट बढ़ जाता है ?
जवाब- एक बार वजन आ गया तो आप उसे घटा सकते हैं। लेकिन रातभर मैच चला और परिस्थितियां ऐसी हो गई थीं तब। विनेश परफेक्ट खिलाड़ी हैं उनका गोल्ड आता। विनेश ने दिमाग से कुश्ती खेला अपना पूरा प्रयास दिया। लेकिन ये समय और लक की बात है।
सवाल: सर एक खबर वायरल हो रही है.. जब पर्सनल ट्रेनर्स को पता था कि ओवरवेट है..तो क्या मैच में चोट लगने पर मेडल मिल सकता है? या ये फर्जी खबर है?
जवाब: मेरे ख्याल से ये एकदम गलत खबर है। क्योंकि आपको वेट तो देना ही पड़ेगा, चाहे आप कुश्ती लड़ो या ना लड़ो। वेट पर जाना जरूरी है अगर वजन नहीं देते हो तो आप फिर भी डिस्क्वालिफाई हो जाओगे। मेडिकल टीम भी वहां पर ओलंपिक्स की होती है।
सवाल: सर, ये मैच 50 किलोग्राम कैटेगरी के लिए है.. तो क्या ये पॉसिबल है कि खिलाड़ी पचास से कम..47 या 48 किलो मेंटेन करके रखें ताकि अगर वेट 1-2 किलो ऊपर नीचे भी होता है.. तो मैच से पहले उसे बैलेंस किया जाए?
जवाब : ये तब पॉसिबल है, अगर उसका सेलेक्शन होता है..अगर वो क्वालिफाई करता है। अगर वो 50 किलो के लिए खेलता है और उसका वेट 47-48 वजन है और वो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करता है तब पॉसिबल है। उम्र का भी कुश्ती में होता है..18 साल से उपर की उम्र वाला ओलंपिक खेल सकता है।
सवाल: जब किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा हो जाता है तो क्या सॉइकोलॉजिकली इसका फर्क बाकी खिलाड़ियों पर भी पड़ता है?
जवाब: मेरा ऐसा मानना है कि इससे फर्क नहीं पड़ना चाहिए। हलांकि मानसिक तौर पर थोड़ा लगता है कि हमारे खिलाड़ी से गोल्ड चला गया। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। लेकिन परफॉर्मेंस तो खिलाड़ी ने देनी है यहां कोई बहाना नहीं चलता। क्यों कि ओलंपिक में हैं यहां कोई भी बहाना नहीं चलता। यहां मानसिक तौर पर खुद को मजबूत रखना होता है।
सतपाल सिंह – ओलंपियंस को तैयार करने वाले कुश्ती के दिग्गज कोच
देश के दिग्गज और प्रतिष्ठित पहलवान सतपाल सिंह बतौर कोच अधिक लोकप्रिय रहे हैं। उन्हें भारतीय कुश्ती के बेहतरीन पहलवानों को मेंटर करने का श्रेय जाता है।
उनके सबसे प्रतिष्ठित छात्रों में टोक्यो 2020 के रजत पदक विजेता रवि कुमार दहिया और दो ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार हैं। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट हैं।
सतपाल सिंह ने एक और ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त का भी मार्गदर्शन किया है।
पहलवान के रूप में सतपाल का करियर भी प्रभावशाली रहा है। वह एशियाई खेलों के चैंपियन रह चुके हैं और एक एथलीट के रूप में अपने समय के दौरान उन्होंने एशियाई और कॉमनवेल्थ खेलों में कई पदक जीते हैं