बस ज़रा सी समझदारी अपनाने से आप बन जाते हैं स्मार्ट फार्मर..और इस तरह ला सकते हैं दोगुनी पैदावार..
ये खेती की विधि किसी ATM से कम नहीं है. आप इस विधि को अपना कर कर सकते हैं बम्पर कमाई. दो गुनी पैदावार होगी तो कमाई भी तो दो गुनी होगी !
Organic Farming: इसके कहते हैं ऑर्गेनिक खेती. इस खेती को अपना कर दुनिया का कोई भी किसान खूब कमाई कर सकता है. किसानी के लिए जाना जाने वाले उत्तर प्रदेश में एक शहर है अमेठी. कृषि की ये विधि यहीं से चल कर आप तक आई है.
अमेठी का किसान कर रहा है जागरूक
अमेठी में एक किसान हैं जिनका नाम है छेदी मौर्य. वे इस विधि से खेती कर रहे हैं और दुगुनी पैदावार का आनंद ले रहे हैं क्योंकि दुगुनी पैदावार के साथ आ रही है दुगुनी कमाई भी.
भारत में परंपरागत खेती सदियों से किसानो की जीविका का स्रोत बनी हुई है. अब समय ने अंगड़ाई ली है और खेती में भी आधुनिकता की फसल लहलहाने लगी है. अब किसान आधुनिक युग की आधुनिक खेती में न केवल दिलचस्पी ले रहे हैं अपितु उसे अपना कर सफलता के नए नए अध्याय लिख रहे हैं.
कृषि विभाग कर रहा है सहयोग
ऑर्गैनिक खेती आधुनिक खेती का एक सरल सुन्दर और सफल रूप है. यूपी के अमेठी में भी ऑर्गैनिक खेती को अपना कर यहां के किसान जम कर मुनाफा कमा रहे हैं. प्रदेश सरकार तथा केंद्र सरकार से उनको पूरा सहयोग मिल रहा है और कृषि विभाग निरंतर किसानो के साथ मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है.
महत्वपूर्ण तथ्य ये भी है कि यहां ऑर्गेनिक खेती से किसान धान गेहूं की अपेक्षा ज्यादा कमाई कर पा रहे हैं. यही कारण है कि अब अन्य किसान भी उनकी देखा-देखि ऑर्गेनिक खेती की तरफ आकृष्ट हो रहे हैं.
फल फूल और सब्जियों की होती है खेती
यह विशेषता है ऑर्गेनिक खेती की. वर्तमान समय में किसान धन गेहूं उगाने की बजाये फल फूल और सब्जियों की खेती करने लगे हैं. विशेष बात यह है कि इस खेती में अर्थात आर्गेनिक खेती में किसी भी प्रकार की रासायनिक खादों को प्रयोग में नहीं लाया जाता.
अगर आप भी रासायनिक खाद से मुक्त हो कर प्राकृतिक खेती करना चाहते हैं तो चिंता न करें, कृषि विभाग आपके साथ है और आपको इस दिशा में पूरा मार्गदर्शन प्रदान करेगा. कृषि विभाग आपको अलग-अलग सब्जियां और फूलों अथवा दूसरी खेतियों के लिए अनुदान देने को तैयार है.
लीजिये अनुदान कीजिये खेती
आपके लिए कृषि विभाग और साथ ही साथ उद्यान विभाग ऑर्गनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पूरी सहायता करने को तैयार है. आप इन विभागों से अनुदान लेकर खेती कर सकते हैं. सब्जियों की खेती में सरकार की तरफ से चालीस प्रतिशत के साथ फल फूल के लिए भी अनुदान दिया जाता है.
किसानों को भी करते हैं जागरूक
छेदी मौर्य अमेठी में ऑर्गेनिक खेती के लिए जाने जाते हैं. छेदी का कहना है कि वह ऑर्गेनिक विधि से खेती करते हैं जो उन्हें अन्य खेती की विधियों से अधिक सुगम लगती है. अच्छी बात ये है छेदी खेतों में किसी भी प्रकार की रासायनिक खाद को प्रयोग में नहीं लाते हैं.
छेदी मौर्या ने बताया कि वह गोबर केंचुए की खाद के अतिरिक्त दुसरे पदार्थों को मिलाकर आर्गेनिक खेती करते हैं. बड़े पैमाने पर खेती कर वो अच्छी कमाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पांच गुना अधिक फायदा है धान गेहूं के मुकाबले ऑर्गेनिक खेती करने में.