उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के जिलाधिकारी (DM) घनश्याम मीणा की एक पहल ने प्रशासनिक संवेदनशीलता को नया आयाम दिया है। हाल ही में, उन्होंने भीषण गर्मी के बावजूद खेत में उतरकर किसानों के साथ गेहूं की कटाई की। इस अद्वितीय दृश्य को हमीरपुर सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव कुछेछा में देखा गया, जहां डीएम मीणा ने हंसिया से गेहूं की फसल काटी। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, और इसे लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
फसल कटाई आंकलन और उत्पादकता मूल्यांकन के लिए डीएम का फील्ड विजिट
डीएम घनश्याम मीणा कृषि उपज के सही आंकलन और उत्पादकता मूल्यांकन के लिए कुछेछा गांव पहुंचे थे। इस दौरे का उद्देश्य जिले में कृषि उपज का वास्तविक डेटा जुटाना था, ताकि प्रशासन कृषि नीति और योजनाओं में सुधार कर सके। उन्होंने मौके पर किसानों से बातचीत की और उनसे फसल की स्थिति, मेहनत, लागत, और कमाई के बारे में जानकारी ली। डीएम ने किसानों को यह भी बताया कि वे साल में एक से अधिक फसल लेने के तरीकों पर विचार करें, ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
हमीरपुर डीएम ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @DmHamirpurUp से एक वीडियो शेयर किया गया, जिसमें डीएम घनश्याम मीणा खेत में खुद गेहूं की कटाई करते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो के साथ एक कैप्शन में बताया गया कि “कृषि उपज के अनुमानों का आकलन करने एवं उत्पादकता के आंकड़ों के संकलन हेतु कुछेछा स्थित गेहूं के खेत में आज क्रॉप कटिंग की गई। किसान से कृषि कार्यों के संबंध में जानकारी ली एवं वर्ष में एक से अधिक फसल लेने हेतु प्रोत्साहित किया।”
कृषि उपज के अनुमानों का आकलन करने एवं उत्पादकता के ऑकड़ों के संकलन हेतु मुख्यालय के कुछेछा स्थित गेहूं के खेत में आज क्राप/ फसल की कटाई की | किसान से कृषि कार्यों के संबंध में जानकारी ली तथा वर्ष में एक से अधिक फसल लेने हेतु प्रोत्साहित किया। @CMOfficeUP @UPGovt pic.twitter.com/RzjMcN0Fb8
— DM Hamirpur-UP (@dmhamirpurup) April 8, 2025
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर जमकर सराहा जा रहा है। कुछ यूज़र्स ने इसे “प्रशासनिक संवेदनशीलता” की मिसाल बताया, जबकि कई लोगों ने यह टिप्पणी की कि अगर हर जिले में ऐसे प्रशासनिक अधिकारी हों, तो किसानों की स्थिति में बड़ा सुधार हो सकता है।
डीएम घनश्याम मीणा की पहल से मिल रहा प्रोत्साहन
डीएम घनश्याम मीणा की इस पहल ने न केवल प्रशासनिक कार्यों को धरातल पर उतारने का संदेश दिया, बल्कि किसानों को उनके खेतों में बेहतर उत्पादन और आय के लिए प्रेरित भी किया। उनके इस कदम से यह भी साफ हुआ कि किसान और कृषि क्षेत्र के मुद्दों को समझने और उनका समाधान निकालने के लिए प्रशासन को जमीन पर उतरकर काम करना चाहिए।
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यह कदम न केवल प्रशासनिक जवाबदेही को मजबूत करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि किसानों के साथ संवाद स्थापित कर उनके मुद्दों को समझना और समाधान प्रदान करना कितना महत्वपूर्ण है।