हिंदू धर्म में हर पर्व व त्योहार बड़ी धूमधाम और धार्मिक रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है। उन्हीं में से एक है तीज का त्योहार। तीज खासकर यूपी के पूर्वांचल में मनाया जाता है। हर साल तीन तरह के तीज मनाए जाते हैं। जिसमें सबसे पहले हरियाली तीज, फिर कजरी तीज और सबसे अंत में हरतालिका तीज मनायी जाती है। ये तीनों तीज महादेव और माता गौरी को समर्पित हैं।
मान्यता है कि इन व्रतों को करने से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। आज हरतालिका तीज है जिसमें महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं।
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ये व्रत 24 घंटे निर्जला होता है। महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करती हैं। माता पार्वती को सोलह श्रृंगार चढ़ाया जाता है और फिर प्रसाद चढ़ाया जाता है। दूसरे दिन सुबह कथा सुनकर व्रत का पारण करती हैं।
शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनायी जाती है हरतालिका तीज
हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन मनायी जाती है। इस साल तृतीया तिथि 5 सितंबर के दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होकर 6 सितंबर यानी आज दोपहर में 3 बजकर 01 मिनट तक रहेगी।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रखा था। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की खास पूजा होती है। शिव-पार्वती के पूजन के लिए प्रदोष काल का समय सबसे शुभ माना जाता है। प्रदोष काल सही माना जाता है।
प्रदोष काल, सूर्यास्त के बाद के समय को कहा जाता है। इस साल प्रदोष काल 6 सितंबर को शाम 6 बजकर 36 मिनट से आरंभ हो जाएगा। लेकिन सुबह के समय भी पूजा की जा सकती है। जिसके लिए शुभ मुहूर्त 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।