भारत ने रक्षा और तकनीक की ओर एक कदम और बढ़ाते हुए नई इबारत लिख दी है। भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने बुधवार की रात ओडिशा के तट पर अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर तक है।
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बताया जा रहा है कि ये हल्के मेटेरियल से बनाई गई मिसाइल है और यह अग्नि-1 मिसाइल की जगह लेगी।
इसे अगली पीढ़ी का मिसाइल बताया जा रहा है। खुशी की बात ये है कि मिसाइल ने टेस्ट के सभी मानकों को पूरा कर लिया है और ये एक बड़ी उपलब्धि है।
भारत ने बुधवार रात ओडिशा के तट पर अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम अग्नि-प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया, जिसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर तक है।#AgniPrime #BallisticMissile #AbdulKalamIsland #India #PanchayatiTimes pic.twitter.com/sWATZ7wEn0
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अग्नि-प्राइम न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल भारतीय रक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मिसाइल भारत के रक्षा तंत्र को मजबूत करती है और उसकी रक्षा संभालने में मदद करती है।
New Generation Ballistic Missile Agni-Prime successfully flight-tested by Strategic Forces Command & DRDO off the Odisha coasthttps://t.co/2IXFn3piay@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/lWinz6YzYS
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बैलिस्टिक मिसाइल का मतलब क्या होता है?
बैलिस्टिक मिसाइल , एक रॉकेट-चालित स्व-निर्देशित रणनीतिक-हथियार प्रणाली जो अपने प्रक्षेपण स्थल से एक पूर्व निर्धारित लक्ष्य तक पेलोड पहुंचाने के लिए एक बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण करती है। बैलिस्टिक मिसाइलें पारंपरिक उच्च विस्फोटकों के साथ-साथ रासायनिक , जैविक या परमाणु हथियार भी ले जा सकती हैं।
ये है खासियत
- इस न्यू जनरेशन न्यूक्लियर बैलिस्टिक मिसाइल पर एमआईआरवी वॉरहेड लगाया जा सकता है।
- अधिकारियों के अनुसार इसकी मारक क्षमता 1000-2000 किलोमीटर है, जो कि अद्भुत है।
- ये मिसाइल विस्फोटक और न्यूक्लियर हथियार ले जाने में सक्षम है।
- इसका वजन करीब 11 हजार किग्रा है।
- यह एक साथ कई टारगेट भेद सकती है।
- इसे अग्नि-पी (Agni-P) के नाम से भी जाना जाता है।
- इस मिसाइल को जल्द ही भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।
- सबसे खास बात ये कि इसमें सॉलिड फ्यूल का उपयोग किया जाता है।