Red Chilli Acreage: भारत को व्यंजनों का देश कहा जाता है और इसका कारण है यहां के हर घर के किचन में पाए जाने वाले पकवानों की विविधता। इस विविधता का स्वाद बढ़ाने में रसोई घर में मौजूद लाल मिर्च की अहम भूमिका होती है।
अब इसी लाल मिर्च को लेकर एक बड़ी खबर आई है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस साल लाल मिर्च की बुवाई में करीब 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके कई कारण बताए जा रहे हैं। जिसकी वजह से किसानों ने इस साल मिर्च की जगह मक्का, तम्बाकू और मूंग जैसी फसलों को प्राथमिकता दी है।
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हाल के वर्षों में लाल मिर्च की बुवाई में गिरावट और इसके उत्पादन पर कई कारणों का प्रभाव पड़ा है।
मौसम की अनिश्चितता:
कर्नाटक और अन्य प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम या असामान्य बारिश के कारण मिर्च की खेती प्रभावित हुई। मानसून की कमी और शुष्क मौसम ने उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव डाला है।
स्टॉक की अधिकता
देश में मिर्च के उत्पादन में तेलंगाना और कर्नाटक राज्य का अहम योगदान होता है। इन राज्यों में मिर्च की कीमतों में कमी के साथ मिर्च का अधिक स्टॉक बताया जा रहा है। जिसके कारण इस साल बुआई में कमी दिखी है।
कीमतों में उतार-चढ़ाव
किसानों को पिछले वर्षों में लाल मिर्च के अच्छे दाम मिलने के कारण बुवाई क्षेत्र बढ़ा, लेकिन इस सीजन में कीमतों में गिरावट देखी गई। इससे किसानों को अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है। इसके अलावा, कोल्ड स्टोरेज की सीमित सुविधाओं ने फसल खराब होने का खतरा बढ़ा दिया है
चक्रवात और प्राकृतिक आपदाएं
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चक्रवात मिचुआंग के कारण फसल को भारी नुकसान हुआ, जिससे बुवाई क्षेत्र और उत्पादकता दोनों प्रभावित हुए
अंतरराष्ट्रीय मांग और निर्यात में गिरावट ने किसानों की आय को प्रभावित किया है। मिर्च की बुवाई में कमी का ये भी प्रमुख कारण है।