ये खबर न नई है न पुरानी, भारत की जबर्दस्त हार की खबर अब इतिहास है..
न्यूजीलैन्ड की एक सामान्य सी दिखने वाली टीम से भारत की सिरीज हार वाली खबर बड़ी भी है और कभी न भूलने वाली भी है. खबर ये है कि न्यूजीलैन्ड ने भारत को श्रंखला हरा कर मैदान में ढेर कर डाला. बड़ी खबर मगर ये है कि भारत को भारत में ही आ कर परास्त कर देने वाले कीवी खिलाड़ी किसी और ही मिट्टी के बने हैं. दुखद खबर ये है कि जो न हो सका था पिछले बारह वर्षों में अब हो गया, भारत में भारत हार गया सिरीज. दिल तोड़ने वाली खबर ये है कि व्हाइट वाश कर डाला भारत का 3-0 से न्यूजीलैन्ड ने !!
क्यों हार गये, कैसे हार गये, इतनी बुरी हार का कौन है जिम्मेदार –ये सवाल सुबह से शाम तक क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में हलचल मचा रहा है. सबके मन में कोई न कोई जवाब है अपना अपना, लेकिन सही जवाब किसके पास है?
सही जवाब क्या है- ये भी एक सवाल है. कुछ क्रिकेट विश्लेषक पिच को दोष देंगे ये जानते हुए भी कि वे कितने गलत हैं. पिच गड़बड़ है तो दोनो ही टीमों के लिये है. अगर एक के लिये स्पिन खेलना मुश्किल है तो दूसरी टीम के लिये भी तो मुश्किल होगी. फिर भी ऐसा हुआ कि एक टीम खेल पाई और दूसरी नहीं. – कैसे ?
कुछ को लगता है कि टीम का दोष है -ये बात सही है लेकिन आधा सही हैं. पूरी टीम नहीं टीम के दो-चार खिलाड़ी ही दोषी हैं. जिन खिलाड़ियों से जिताने की उम्मीद थी उन्होंने उस उम्मीद को बड़ी बेदर्दी से तोड़ दिया. बॉलर्स ने अपनी कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी. और काफी अच्छा प्रदर्शन किया. बॉलर्स ने तो न्यूजीलैन्ड की बैटिंग के खिलाफ गेंद से और उनकी बल्लेबाजी के मुकाबले बैट से पूरा जोर लगाया.
जवाब तो रोहित, कोहली, रहाणे, पुजारा को देना चाहिये. वो मैदान में किसलिये थे? क्या पंत, शुभमन और जायसवाल को ही रन बनाने हैं तो बाकी लोगों को बैंच पर बैठना था या पैवेलियन में. अगर फॉर्म सही नहीं है तो कुछ दिन टीम से बाहर आ कर आराम कर लें. कुछ प्रैक्टिस कर लें. फॉर्म वापस आ जाये तो टीम में वापस आ जायें. देश में कमी नहीं है प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की. वो अगर किसी भारी टीम से जीत न पायेंगे तो कम से कम व्हाइट वॉश जैसा अपमान तो नहीं करायेंगे!
भारत को व्हाइट वाश शिकस्त मिली, भारत में भारतीय दर्शकों के सामने मिली ये अपमानजनक पराजय. बारह साल का सिलसिला भी टूटा और देशभक्त क्रिकेट प्रेमियों का दिल भी टूटा.
दुख इस बात का भी कम नहीं है कि जिस टीम ने टीम इन्डिया को इतनी बुरी तरह धूल चटाई वो खुद श्रीलंका के हाथों हार कर भारत आई थी. जाहिर है कि भारत की टीम का समर्थन करने वालों के पास कोई बहाना नहीं बचा टीम की नालायकी को छिपाने का.
किसी भी राष्ट्रीय टीम को ये अधिकार नहीं दिया जा सकता कि वे सारे देश के क्रिकेट प्रेमियों का दिल तोड़े. जिन खिलाड़यों का लोहा अब लंगड़ में बदल गया है वे खुद ही इज्जत के साथ टीम से बाहर हो जायें. क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि कोई कह दे कि उन्होंने ऐसा जानबूझ कर किया ताकि कोच गौतम गंभीर को नीचा दिखाया जा सके.