छठ महापर्व 2024 की शुरुआत आज से हो गई है। इसी बीच दिल्ली से एक बड़ी खबर आ रही है। फेमस भोजपुरी लोकगायिका पद्म श्री और पद्म भूषण शारदा सिन्हा की तबीयत खराब हो गई है उन्हें कई दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। शारदा सिन्हा को एम्स में वेंटीलेटर पर रखा गया है।
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बता दें कि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि शारदा सिन्हा, पति बृजकिशोर सिन्हा के निधन के बाद से सदमे में थीं। वहीं एक दिन पहले शारदा सिन्हा के बेटे अंशुमन ने उनके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर लाइव जाकर उनके हेल्थ का अपडेट दिया था। जिसमें अंशुमन ने कहा कि, मां की हालत गंभीर है। डॉक्टर पूरी कोशिश में लगे हैं। सभी लोग मां छठी से प्रार्थना करें कि उनकी तबीयत जल्द ठीक हो जाए।
खबर है कि शारदा सिन्हा एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती थीं लेकिन सोमवार देर रात उनकी तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई जिसकी वजह से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। शारदा सिन्हा ब्लड कैंसर से जूझ रही हैं।
शारदा सिन्हा एक प्रसिद्ध भारतीय लोकगायिका हैं, जिन्हें विशेष रूप से भोजपुरी, मैथिली और मगही भाषा में गाए गए गीतों के लिए जाना जाता है। उनकी आवाज़ में गाए गए छठ के गीत, विवाह गीत, और अन्य पारंपरिक लोकगीत बिहार और उत्तर भारत के सांस्कृतिक आयोजनों में विशेष महत्व रखते हैं। शारदा सिन्हा को भारतीय लोकसंगीत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पद्म श्री (1991) और पद्म भूषण (2018) से सम्मानित किया गया है।
शारदा सिन्हा का जीवन और करियर
शारदा सिन्हा का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिले में हुआ था, और उन्होंने संगीत की शिक्षा पटना विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उनकी गायकी में परंपरागत संगीत और आधुनिकता का एक अनूठा संगम देखा जा सकता है। अपने करियर के दौरान उन्होंने कई प्रमुख मंचों पर प्रदर्शन किया और भारतीय लोकसंगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उनकी प्रसिद्धि और प्रमुख गीत
शारदा सिन्हा के कुछ प्रसिद्ध गीतों में छठ के गीत, “केलवा के पात पर उगेलन सुरुज देव”, “सामन चुनरिया लागे”, और विवाह गीत जैसे “पीरितिया के बंधन” आदि शामिल हैं। उनके गीतों का लोकप्रिय होना इस बात का प्रतीक है कि भारतीय जनता लोकसंगीत को अपनी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा मानती है। बॉलीवुड में भी उनके कुछ गीत शामिल हुए हैं, जैसे फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में उनके गाए गीतों ने खूब लोकप्रियता पाई।
शारदा सिन्हा का योगदान और सम्मान
शारदा सिन्हा का लोकसंगीत में योगदान अतुलनीय है। उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया। पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे राष्ट्रीय पुरस्कारों के अलावा भी उन्हें कई राज्य स्तरीय और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनके संगीत ने ना केवल भारतीय श्रोताओं को बल्कि विदेशों में भी भारतीयों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का काम किया है।
शारदा सिन्हा का योगदान भारतीय लोकसंगीत को संजीवनी देने जैसा है, और उनकी आवाज़ में गाए गीत भारतीय समाज और सांस्कृतिक आयोजनों में अनमोल धरोहर के रूप में संजोए गए हैं।