उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। यूपी का डॉन कहे जाने वाले मुख्तार की बांदा जेल में सोमवार रात अचानक तबीयत खराब हो गई और उसे बांदा के मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मुख्तार को घबराहट और सीने में दर्द की शिकायत के बाद से अस्पताल ले जाया गया। मुख्तार की तबीयत की खबर जैसे ही आला अधिकारियों को लगी तो उनके हाथ पैर फूलने लगे और मुख्तार को आनन-फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया। वहीं बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज की तरफ से माफिया की हेल्थ रिपोर्ट जारी की गई है।

जिसमें बताया गया है कि “मुख्तार अंसारी (उम्र-62 वर्ष) को 26-03-2024 को सुबह 03:55 बजे बांदा के मेडिकल कॉलेज में पेट में दर्द, 4-5 दिनों तक मल त्यागने में असमर्थता और पेट फूलने की शिकायत के बाद भर्ती किया गया। मरीज का इलाज शुरू कर दिया गया है और मरीज की स्थिति फिलहाल स्थिर है।”
बता दें कि अभी कुछ दिन पहले भी अंसारी ने आशंका जताई जताई थी कि जेल में उनकी जान को खतरा है और उन्हें पॉइजन दिया जा रहा है। जिसके बाद से सख्त कदम उठाते हुए दो दिन पहले ही जेल के एक जेलर और दो डिप्टी जेलर को सस्पेंड किया गया था।
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मुख्तार कब से है जेल में बंद
माफिया मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर 2005 से जेल की हवा खा रहा है। पिछले तीन महीने में मुख्तार को तीन अलग-अलग मुकदमों में करीब 22 साल की सजा सुनाई जा चुकी है।
जिसमें यूपी का उसरी चट्टी कांड सबसे फेमस है। जिसमें मारे गए मनोज राय के पिता ने उसके खिलाफ केस दर्ज कराया। इस मामले में मुख्तार समेत 5 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज कराया गया था। मनोज राय के पिता ने मुख्तार पर अपने बेटे सकी हत्या का आरोप लगाया।
कब हुआ जन्म
मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 में उत्तर प्रदेश में हुआ। मुख्तार एक सजायाफ्ता भारतीय गैंगस्टर और राजनीतिज्ञ है।
वह मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया, जिसमें दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में भी शामिल है। वह पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी का रिश्तेदार है। मुख्तार अंसारी के दादा का नाम मुख्तार अहमद अंसारी था, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शुरुआती अध्यक्ष थे। मुख्तार अंसारी के नाना मोहम्मद उस्मान थे। मोहम्मद उस्मान भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे , उन्होंने कभी शादी नहीं की और जीवन भर कुंवारे रहे। मुख्तार अंसारी की पैतृक वंशावली हेरात के सूफी संत अब्दुल्ला अंसारी से मिलती है ।