बसपा प्रमुख मायावती ने आज प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्यों की सरकारों द्वारा गरीबी, बेरोजगारी व मंहगाई आदि से मुक्ति दिलाने की बजाय तथा रोटी-रोजी व रोजगार के भी साधन उपलब्ध कराने की गारन्टी देने की बजाय इन्हें फ्री में थोड़ा सा राशन आदि देकर अपना गुलाम व लाचार एवं मोहताज बनाया हुआ है, जबकि हमने यहाँ यूपी में अपनी पार्टी के नेतृत्व में चार बार रही सरकार के दौरान इन लोगों को वर्तमान सरकारों की तरह अपना गुलाम व लाचार एवं मोहताज ना बनाकर, बल्कि इन्हें बड़ी तादाद में सरकारी एवं गैर-सरकारी क्षेत्रों में रोटी रोजी एवं रोजगार आदि के साधन उपलब्ध कराके व इनकी गारन्टी देकर काफी हद तक इनको अपने पैरों पर खड़ा किया है।
अखिलेश यादव को बताई गिरगिट
विपक्ष के इण्डिया गठबन्धन को लेकर जिस प्रकार से सपा मुखिया ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत, बसपा के लोगों को गुमराह करने के उद्देश्य से कुछ ही घन्टों के अन्दर बी.एस.पी. प्रमुख के प्रति गिरगिट की तरह अपना रंग बदला है, तो उससे भी पार्टी के लोगों को जरूर सावधान रहना है। इसके साथ ही, पिछले महीने पार्टी की आल इण्डिया की बैठक में आम सहमति से आकाश आनन्द को मैंने अपना एकमात्र उत्तराधिकारी घोषित किया था तो उसके बाद से बीच-बीच में अब मीडिया में यह भी फर्जी व गलत खबर प्रचारित की जा रही है कि ऐसा लगता है कि अब बी एस.पी. प्रमुख जल्दी ही राजनीति से सन्यास लेने वाली है जिसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है, जबकि मेरी जिन्दगी का आखिरी सांस भी पार्टी को मजबूत बनाने में ही लगा रहेगा। इस किस्म की फर्जी व गलत खबरों से भी पार्टी के लोगों को गुमराह नहीं होना है।
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लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का किया एलान
इसके साथ ही, इस चुनाव को लेकर उन्होंने यह बात भी स्पष्ट की कि हमारी पार्टी देश में जल्दी ही घोषित होने वाले लोकसभा के यह आमचुनाव, यहाँ गरीबों एवं उपेक्षित वर्गों में से विशेषकर दलितों, आदिवासियों, अति-पिछड़े वर्गों, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोगों के बलबूते पर पूरी तैयारी व दमदारी के साथ “अकेले ही लड़ेगी और इन्हीं के बलबूते पर ही हमने सन् 2007 में यहाँ आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में अकेले ही चुनाव लड़कर फिर अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार भी बनाई है।
ईवीएम पर भी उठाया सवाल
साथ ही यहाँ लोकसभा आमचुनाव में व देश के अन्य ओर राज्यों में भी, अकेले चुनाव लड़कर, खासकर वोट प्रतिशत के हिसाब से पार्टी की काफी अच्छी स्थिति रही है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अब हर चुनाव में ईवीएम में काफी धांधली व बेईमानी आदि हो रही है, ऐसी यह आमधारणा है, जिसकी खास वजह से अब हमारी पार्टी को भी यूपी सहित पूरे देश में काफी कुछ नुकसान हो रहा है। इसके बावजूद भी, हमारी पार्टी यह सोच कर देश में सभी चुनाव पूरी तैयारी व दमदारी के साथ लड़ती है लेकिन पता नहीं कब ईवीएम में धांधली व बेईमानी आदि करने वालों का सिस्टम फेल हो जाये तब फिर सम्बन्धित चुनाव में सही रिजल्ट आ सकता है, हालांकि अब ईवीएम के विरोध में काफी आवाजें भी उठने लगी है और ऐसे में यह सिस्टम कभी भी खत्म हो सकता है या फिर इसमें कुछ परिवर्तन भी किये जा सकते है। इसलिए हमें पार्टी के जनाधार को बढ़ाते रहना बहुत जरूरी है।
उनकी जरूरत को ध्यान में रखकर अपनी उचित भागेदारी के आधार पर शामिल भी हो सकती है, क्योंकि ऐसे में अब पूर्व की तरह पार्टी बाहर से फ्री में समर्थन नहीं देने वाली है ताकि अपने लोगों के हितों में कुछ जरूरी कार्य होते रहे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी, अब देश में जल्दी ही होने वाले लोकसभा के आमचुनाव अकेले ही लड़ेगी अर्थात् किसी भी पार्टी व गठबन्धन के साथ मिलकर यह चुनाव नहीं लड़ेगी।
राम मंदिर के निमंत्रण पर क्या बोली ?
इसके उपरान्त, मीडिया द्वारा राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिलने के सम्बंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में मायावती ने कहा कि, हाँ मुझको निमंत्रण मिला है। जहाँ तक उसमें शामिल होने का सवाल है तो उस बारे में अभी इसका मैंने कोई फैसला नहीं लिया है। लेकिन अयोध्या में 22 जनवरी को राम मन्दिर को लेकर जो भी कार्यक्रम होने के लिए जा रहा है उसका हमारी पार्टी को कोई भी ऐतराज नहीं है। तथा इसका पार्टी स्वागत करती है इतना ही नहीं बल्किी आगे चलकर जब बाबरी मस्जिद को भी लेकर ऐसा कोई प्रोग्राम होता है तो फिर उसको भी लेकर हमारी पार्टी को कोई भी ऐतराज नहीं होगा क्योंकि हमारी पार्टी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और सभी धर्मा का पूरा-पूरा सम्मान करती है।
अपने और बसपा के ऊपर लिखी पुस्तक का किया विमोचन
इसी के साथ मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर पर अपनी पार्टी व मूवमेन्ट से जुड़ी हुई लिखित पुस्तक के 19 वें संस्करण (A Travelogue of My Struggle Ridden Life and BSP Movement – ए ट्रेवेलोग ऑफ माई स्ट्रगल रिडेन लाइफ एण्ड बी.एस.पी. मूवमेन्ट) हिन्दी एवं अंग्रेजी संस्करण का विमोचन भी की।