Mukhtar Ansari Death update Live: उत्तर प्रदेश के माफिया कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी के निधन के बाद यूपी में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी को हार्ट अटैक के बाद से गुरुवार रात को मौत हो गई थी। मुख्तार बांदा जेल में अपने बैरक में बेहोश पाया गया था। जिसके बाद से रात करीब साढ़े आठ बजे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में उसे भर्ती कराया गया। बता दें कि मुख्तार अंसारी के शव का पोस्टमार्टम हो गया है और पांच डॉक्टरों का पैनल इस काम में लगे थे।
बता दें कि मुख्तार अंसारी पर करीब 65 से ज्यादा केस दर्ज थे और 21 सितंबर 2002 को मुख्तार को पहली बार सजा सुनाई गई थी।
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मुख्तार की मौत के बाद से यूपी में हाई अलर्ट जारी किया गया है। मऊ, गाजीपुर और बांदा में रात से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कई जिले छावनी में बदल गए हैं। मौत की खबर मिलते ही मुख्तार के परिजन रात में ही बांदा के लिए रवाना हो गए थे।
वहीं मुख्तार के पैतृक घर मुहम्मदाबाद में लोग जमा होना शुरू हो गए हैं। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है। खबर मिली है कि मुख्तार अंसारी को आज ही सुपुर्द-ए-खाक किया जा सकता है। वहीं, मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने जहर देने का आरोप लगाया है।
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का शव ले जा रहे एम्बुलेंस ड्राइवर मनोज ने बताया, “… प्रशासन मुझे रूट बताएगा और वे ही काफिले का नेतृत्व करेंगे… मैं मुख्तार अंसारी का शव ले जा रहा हूं… प्रशासन ही बता पाएगा कि शव कहां ले जाना है।”
रोपड़ से लाया गया था बांदा
मुख्तार अंसारी को एक मामले में यूपी के बांदा से पंजाब के रोपड़ जेल भेजा गया था। फिर यूपी में भाजपा सरकार के बनने के बाद से मुख्तार को वापस यूपी लाया गया जिसके लिए दोनों राज्यों के बीच काफी खींचतान चली। सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने के बाद से कोर्ट ने आदेश दिया कि मुख्तार को बांदा शिफ्ट किया जाय।
इसके बाद 7 अप्रैल 2021 को भारी सुरक्षा इंतजामों के बीच मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ से हरियाणा के रास्ते आगरा, इटावा और
औरैया होते हुए बांदा जेल शिफ्ट किया गया।
अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा: “हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा: – थाने में बंद रहने के दौरान – जेल के अंदर आपसी झगड़े में – जेल के अंदर बीमार होने पर – न्यायालय ले जाते समय – अस्पताल ले जाते समय – अस्पताल में इलाज के दौरान – झूठी मुठभेड़ दिखाकर – झूठी आत्महत्या दिखाकर – किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।”
मुख्तार अंसारी की मौत के मामले पर मुख्तार अंसारी के वकील चंद्रजीत यादव ने बताया, ”डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया चल रही है। डॉक्टरों का पैनल बना रहा है। जल्द ही (पोस्टमॉर्टम) शुरू होगा। कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराने हम यहां आए थे…”