26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को आज दोपहर तक भारत लाया जा सकता है। अमेरिका से प्रत्यर्पण की लंबी प्रक्रिया के बाद अब राणा की भारत वापसी के साथ ही एक बार फिर देश में राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक, राणा को पालम टेक्निकल एयरपोर्ट से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुख्यालय तक बुलेटप्रूफ गाड़ी में लाया जाएगा। इस दौरान सुरक्षा के तमाम पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।
कैसे होगी तहव्वुर राणा की सुरक्षा?
राणा को भारत लाने के बाद उसकी सुरक्षा में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, NIA की टीमें, और कमांडो दस्ते तैनात रहेंगे। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए एक ‘मार्क्स मेन’ गाड़ी भी स्टैंडबाय पर रखी गई है।
बुलेटप्रूफ गाड़ी की खासियत
- यह गाड़ी आतंकी हमलों, बम धमाकों और गोलियों की बौछार का सामना करने में सक्षम होती है।
- इसमें बैठने वाले व्यक्ति को संपूर्ण सुरक्षा कवच मिलता है।
- स्पेशल फोर्स के प्रशिक्षित कमांडोज इस गाड़ी के साथ रहेंगे।
मार्क्स मेन गाड़ी क्या है?
- यह गाड़ी खासतौर पर खतरनाक आतंकियों और गैंगस्टरों को ट्रांसपोर्ट करने के लिए बनाई जाती है।
- इसकी बनावट और सुरक्षा तकनीक इस प्रकार है कि यह किसी भी संभावित हमले को झेल सकती है।
- इसका इस्तेमाल पहले भी कुख्यात अपराधियों और आतंकियों को कोर्ट या एजेंसी ऑफिस तक पहुंचाने में किया जा चुका है।
राणा की सुरक्षा में चूक की कोई गुंजाइश नहीं
NIA और दिल्ली पुलिस किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरत रही है। राणा के आने से पहले ही सुरक्षा टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एयरपोर्ट से लेकर NIA मुख्यालय तक का रास्ता पहले से सैनिटाइज और सील कर दिया गया है। साथ ही किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति से निपटने के लिए इमरजेंसी बैकअप फोर्स भी तैनात की गई है।
तहव्वुर राणा कौन है?
- तहव्वुर हुसैन राणा, एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है, जो अमेरिका में कई वर्षों तक रह चुका है।
- वह 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले का मुख्य आरोपी है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
- तहव्वुर राणा ने लश्कर-ए-तैयबा और ISI के साथ मिलकर आतंकियों को वित्तीय सहायता, लॉजिस्टिक सपोर्ट और ठिकाने उपलब्ध कराए थे।
- 2011 में अमेरिका में उसे गिरफ्तार कर आतंकवादियों को पनाह देने और संसाधन उपलब्ध कराने के आरोप में दोषी करार दिया गया था।
- राणा को भारत लाने के लिए प्रत्यर्पण की लंबी कानूनी प्रक्रिया चली, जिसमें भारत को बड़ी सफलता मिली।
भारत में राणा पर क्या होगी कार्रवाई?
NIA की ओर से राणा पर यूएपीए (Unlawful Activities Prevention Act) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज है। उसे अब पूछताछ और कोर्ट ट्रायल के लिए भारत में रखा जाएगा।
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तहव्वुर राणा की भारत वापसी न केवल 26/11 के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ी पहल है, बल्कि यह भारत की आतंक के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का भी प्रतीक है। आज का दिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों और न्याय प्रणाली के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।